[ad_1]
पवन कुमार /रेवाड़ी.रेवाड़ी के निजी अस्पताल पर महिला मरीज को बंधक बनाने का आरोप लगा है. महिला मरीज ने अस्पताल से पुलिस को फोन किया. जिसके बाद मौके पर पहुँची पुलिस ने महिला मरीज को मुक्त कराया. महिला मरीज का आरोप है कि अस्पताल ने ज्यादा बिल बनाकर उसे गलत तरीके से अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया और बंधक बना लिया.
जानकारी के मुताबिक पूनम नाम की एक महिला 26 अप्रैल को पेट दर्द और सांस लेने की तकलीफ के चलते रेवाड़ी शहर के उजाला सिग्नस अस्पताल में भर्ती हुई थी. उनके पास एक इंश्योरेंस कंपनी बीमा था. पूनम ने बताया कि बीमा में कैश की लिमिट 27 हजार 800 रुपए था.
महिला का आरोप , जबरन बनाया बंधक
पूनम ने कहा कि वो 30 अप्रैल तक बिल्कुल ठीक हो गई थी. आरोप है कि उसके बाद भी उसे अस्पताल की तरफ से डिस्चार्ज नहीं किया गया, बल्कि उसका भारी भरकम बिल भी बना दिया और 4 मई तक उसे एडमिट रखा. पूनम का आरोप है कि उसने इसके बाद डिस्चार्ज करने के लिए बोला था , लेकिन उसे अस्पताल से छुट्टी नहीं दी. उल्टा उसका 2 लाख 67 हजार रुपए का बिल बना दिया.साथ ही अस्पताल की तरफ से कहा गया कि बिल का भुगतान किए बगैर बाहर नहीं जा सकती.
अस्पताल ने आरोपों को बताया निराधार
महिला मरीज ने पहले अस्पताल के सामने मिन्नतें की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने डायल-112 पर कॉल कर पुलिस से मदद मांगी. कॉल आने के बाद पुलिस ने भी देरी नहीं की और सिटी पुलिस मौके पर पहुंच गई.पुलिस ने महिला को अस्पताल से मुक्त कराया. पूनम ने पुलिस का शुक्रिया करते हुए अस्पताल के खिलाफ शिकायत भी दी है.इस मामले में अस्पताल की तरह से कैमरे पर कोई बयान अभी तक नहीं दिया गया है. लेकिन अस्पताल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है. अस्पताल का कहना है कि उन्होने केवल महिला मरीज से बिल जमा करने को कहा था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
FIRST PUBLISHED : May 06, 2023, 00:43 IST
[ad_2]
Source link