सियोल/प्योंगयांगएक घंटा पहले
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सितंबर के आखिर से नॉर्थ कोरिया ने नई मिसाइलों का टेस्ट शुरू किया। कुछ दिन के अंतराल से यह जारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर के आखिरी हफ्ते से अब तक नॉर्थ कोरिया ने अब तक 11 मिसाइल टेस्ट किए हैं। ज्यादातर मिसाइलें शॉर्ट रेंज, लेकिन एटमी हैं।
मिसाइल टेस्ट के इस सिलसिले में एक बात बेहद चौंकाने वाली है। दरअसल, नॉर्थ कोरिया ने दावा किया है कि उसने एक ऐसी मिसाइल भी टेस्ट की जो गहरे पानी के अंदर से दागी गई। इसे डिटेक्ट और इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल है।

अब तक यह साफ नहीं है कि नॉर्थ कोरिया ने अंडरवॉटर मिसाइल टेस्ट कहां किए। कुछ साल पहले एक रिसर्च में इस तरह के टेस्ट पैड की तस्वीर सामने आई थी।
अंडरवॉटर न्यूक्लियर वेपन्स
- नॉर्थ कोरिया मिसाइल टेस्ट ऐसे वक्त कर रहा है, जब उसकी सीमा से कुछ किलोमीटर दूर अमेरिका और साउथ कोरिया मिलिट्री ड्रिल कर रहे हैं। नॉर्थ कोरिया की तरफ से जारी एक बयान ने इस ड्रिल से दुनिया का ध्यान दूसरी तरफ खींचा।
- दरअसल, किम जोंग उन की फौज की तरफ से कहा गया कि उसने पहली बार एक ऐसी शॉर्ट रेंज मिसाइल का टेस्ट किया है जो किसी नदी, तालाब या समंदर की गहराई से फायर की गई। इसके लिए स्पेशल अंडरवॉटर लॉन्च पैड बनाया गया। तकनीकी तौर पर इसे अंडरवॉटर सायलो कहा जाता है।
- एक्सपर्ट्स मानते हैं और खुद नॉर्थ कोरिया ने भी दावा किया कि गहरे पानी से फायर की जाने वाली मिसाइलों को डिटेक्ट और इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल होता है। हालांकि, नॉर्थ कोरिया के दावे की पुष्टि नहीं हो सकी है।

साउथ कोरिया के एयरपोर्ट निशाने पर
- नॉर्थ कोरिया का सरकारी मीडिया दावा कर रहा है कि ताजा टेस्ट्स साउथ कोरिया के एयरपोर्ट्स को निशाना बनाए जाने की तैयारी हैं। 12 मिसाइल टेस्ट 14 दिन में किए गए। एक मिसाइल बैलेस्टिक बताई जाती है, जबकि बाकी सभी शॉर्ट रेंज थी। बैलेस्टिक मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी।
- मिसाइल जापान से करीब 3,000 किमी (1,860 मील) दूर प्रशांत महासागर में गिरी। नॉर्थ कोरिया की इस हरकत के बाद जापान में अलर्ट जारी किया गया। जापान सरकार ने सभी नागरिकों को सुरक्षित जगह पर जाने को कहा।
- सोमवार को नॉर्थ कोरिया ने कहा कि सभी टेस्ट्स के दौरान किम जोंग उन मौजूद थे। पांच महीने में पहली बार वो नजर आए। जनवरी से अब तक किम का देश कुल 25 मिसाइल टेस्ट कर चुका है। खतरे की बात यह है कि उसने हायपरसोनिक मिसाइल होने का भी दावा किया है, जो फिलहाल ज्यादा देशों के पास नहीं हैं।
- किम के इरादे खौफनाक नजर आ रहे हैं। दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का फोकस रूस-यूक्रेन जंग और चीन से निपटने पर ज्यादा है। हालांकि, अमेरिकी फौज नॉर्थ कोरिया पर पैनी नजर रख रही है। किम ने कहा- दुश्मनों से बातचीत की कोई जरूरत नहीं। हम उनसे निपटने की ताकत रखते हैं।

प्रतिबंध के बावजूद मिसाइल टेस्ट
संयुक्त राष्ट्र यानी UN ने नॉर्थ कोरिया पर परमाणु और बैलिस्टिक हत्यारों की टेस्टिंग को लेकर प्रतिबंध लगाए हैं। आसान शब्दों में कहें तो नॉर्थ कोरिया परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण नहीं कर सकता है। इसके बावजूद लगातार मिसाइल टेस्ट किए जा रहे हैं। इससे पहले मई में भी मिसाइल टेस्ट किया गया था।

2018 में सिंगापुर शिखर सम्मेलन के दौरान किम जोंग उन के साथ डोनाल्ड ट्रम्प। तब नॉर्थ कोरिया ने एटमी प्रोग्राम पर रोक का वादा किया था। बाद में वो इससे मुकर गया।
न्यूक्लियर टेस्ट का खतरा
हाल ही में नॉर्थ कोरिया ने खुद को न्यूक्लियर आर्म्ड स्टेट घोषित किया। इसके लिए नॉर्थ कोरिया ने नया कानून भी पारित किया। कानून के मुताबिक, अगर नॉर्थ कोरिया पर खतरा मंडराया तो वो खतरा पैदा करने वाले किसी भी देश पर परमाणु हमला कर सकता है। किम जोंग उन ने जुलाई में कहा था कि उनका देश अमेरिका और दक्षिण कोरिया से लड़ने के लिए न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।