World Hindi Conference: फिजी में हिंदी की धूम! शुरू हुआ 12वां विश्व सम्मेलन, 50 देश ले रहे हैं हिस्सा, इन खास विषयों पर होगी चर्चा


हाइलाइट्स

फिजी के नाडी में शुरू हुआ 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन.
दुनिया भर के 50 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.
10 थीम रखे गए हैं जो हिंदी को और प्रासंगिक बनाएंगे.

सुवा. फिजी के पर्यटन स्थल नाडी में 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन (12th World Hindi Conference) शुरू हो चुका है. 15 से 17 फरवरी तक चलने वाले इस सम्मेलन में भारत समेत दुनिया भर के 50 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र, कई सांसदों समेत भारत का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल इसमें हिस्सा ले रहा है. जयशंकर और फिजी के पीएम एस. राबुका ने बुधवार को इसका उद्घाटन किया.

नाडी के हवाई अड्डे से स्वागत का जो सिलसिला शुरू हुआ वो होटल शेरेटन तक जारी रहा. स्थानीय लोगों का समूह गिटार की धुन पर स्वागत कर रहा था तो पारंपरिक वेशभूषा में फिजी के लोग हिंदी बोलकर अपनत्व जता रहे थे. हवाई अड्डे से होटल के रास्ते में गाइड ने सही कहा था कि फिजी के लोग दुनिया में सबसे खुश लोग हैं. खाने की टेबल पर जब चावल, दाल, आलू बैंगन की सब्जी और चिकन करी मिली तो साफ हो गया कि पीढ़ियां भले ही निकल गयी हों लेकिन भारत की परंपराएं जिंदा हैं.

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भारत और फिजी के आपसी रिश्तों पर नजर डालें तो साफ हो जाता है कि पीएम मोदी ने इसे कितनी तरजीह दी है. साल 2014 मे पीएम ने अपने ऐतिहासिक दौरे में फोरम फॉर इंडिया पेसिफिक आइलैंड कॉपरेशन नाम का एक प्लेटफार्म शुरू किया था. इसके तहत भारत और प्रशांत महासागर के 14 देशों का परस्पर सहयोग शुरू हुआ. 2021 में ग्लासगो में हुए सीओपी 26 की बैठक के समय फिजी और दूसरे देशों के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स नाम से एक और फोरम बना. चाहे फिजी पर 2021 में साइक्लोन विंस्टन और वसा की विपदा आयी हो या फिर कोरोना की मार, भारत ने सबसे पहले मदद की है.

साल 2023 में न सिर्फ भारत-फिजी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं बल्कि विश्व हिंदी सम्मेलन भी फिजी में मनाया जा रहा है. इस सम्मेलन में हिंदी के पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर मंथन होगा तो साथ ही आईटी और 21वीं सदी की हिंदी पर भी चर्चा होगी. ऐसे ही 10 थीम रखी गई हैं जो तेजी से बदलती दुनिया में हिंदी को और प्रासंगिक बनाएंगी.

Tags: EAM S Jaishankar, Fiji, Hindi Literature



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