Women’s Day: पीकू से कायरा तक.. महिलाओं ने जब स्क्रीन पर दिखायीं ‘असली महिलाएं’


जोया अख्तर और रीमा कागती का एक और कॉम्प्लैक्स किरदार ‘गली बॉय’ की सफीना है. अख्तर और कागती ने सफीना के किरदार को किसी सांचने में ढालने की कोशिश नहीं की है. उसका मुस्लिम होना या हिजाब पहनना कोई आउट-ऑफ-द-बॉक्स बात नहीं है. वो मुंबई की एक लड़की है, जो वहां की आम भाषा बोलती है, जिसके अपने सपने हैं और उन सपनों के लिए लड़ने के लिए उसके अंदर वो आग भी है.

एक सीन में जब सफीना को लड़के वाले देखने आते हैं और लड़के की मां उससे पूछती है कि क्या उसे कुकिंग आती है, तो वो कहती है, “नहीं, लेकिन अगर सब कुछ सही रहा, मैं आपका लीवर ट्रांसप्लांट कर सकती हूं.” वहीं, एक दूसरे सीन में वो खुद पर यकीन कर मुराद को कहती है, “तेरे को जो करने का है तू कर, मैं सर्जन बनने जा रही हूं, अपन मस्त जीएंगे.



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