Teenagers को क्यों होता है ईटिंग डिसऑर्डर? यहां जानें कारण और लक्षण


Eating Disorders in Teenager: टीनएज में अक्सर बच्चों का वजन बढ़ने लगता है. दरअसल, इस ऐज में कई बार बच्चों को ओवर इटिंग की लत लग जाती है. कई बार बच्चों को ज्यादा खाने से वजन बढ़ने के साथ-साथ पेट खराब होने की समस्या भी हो जाती है. ऐसे में बच्चों को खाना खाने से पहले और बाद में उल्टी आने की समस्या हो जाती है. ऐसे में अगर बच्चों को बार-बार ये समस्या हो रही है, तो इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. हालांकि, इसके लिए बच्चों को दोषी ठहराने की बजाय उनकी इस समस्या की जड़ तक पहुंचना चाहिए. दरअसल, इसका कारण ईटिंग डिसऑर्डर भी होता है. तो चलिए जानते हैं ईटिंग डिसऑर्डर के कारण और लक्षणों के बारे में-

ईटिंग डिसऑर्डर के कारण

‘वेबएमडी’ के अनुसार, ईटिंग डिसऑर्डर के कुछ प्रकार होते हैं, जिनमें एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमिया नर्वोसा और बिंज ईटिंग करना मुख्य हैं. इन कारणों में बच्चे की खाने की आदतों में और व्यवहार में  काफी बदलाव देखने को मिलता है. 

ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण

ईटिंग डिसऑर्डर के कई लक्षण होते हैं, जिनमें बच्चों की ईटिंग हैबिट्स पहले से बदल जाती हैं. यदि आपका बच्चा एक समय पर बहुत खाना खाता है और दूसरे समय पर बिल्कुल खाना नहीं खाता है, तो ये ईटिंग डिसऑर्डर का एक लक्षण हो सकता है. इसके अलावा भी कई लक्षण होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • वजन लगातार बढ़ते जाना
  • उन्हें रात में नींद न आना
  • कब्ज हो जाना
  • स्किन पर रैश होना या स्किन का ड्राई हो जाना
  • दांतों में कैविटीज होना
  • नाखूनों का टूटना और बालों का झड़ना

ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज

यदि आपका बच्चा भी ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार है, तो इसके इलाज के लिए कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी और कुछ एंटी डिप्रेसेंट दवाइयों का सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा मेडिकल ट्रीटमेंट और समय पर बच्चे को खाना खिलाने से भी बच्चों की ये समस्या दूर की जा सकती है.

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