Reid ने कहा कि विश्व कप से पहले मेंटल कंडीशनिंग कोच नहीं होने के लिए मैं जिम्मेदार हूं

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भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने एफआईएच पुरुष हॉकी विश्वकप से पहले मानसिक अनुकूलन कोच नहीं रखने के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है। भारत विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में भी जगह नहीं बना पाया।

भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने एफआईएच पुरुष हॉकी विश्वकप से पहले मानसिक अनुकूलन कोच नहीं रखने के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है।
भारत विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में भी जगह नहीं बना पाया। उसने गुरुवार को यहां क्लासिफिकेशन मैच में एशियाई खेलों के चैंपियन जापान को 8-0 से हराया। इस मैच के बाद रीड ने कहा कि मेजबान होने के कारण टीम पर अतिरिक्त दबाव था जो कि कई बार मुश्किलें पैदा करता है।

उन्होंने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ इस विश्वकप में मेजबान होने के कारण टीम पर अतिरिक्त दबाव था। कई बार यह प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ने में मुश्किलें पैदा करता है। मेरा ऐसा मानना है। ’’
रीड ने कहा,‘‘ मानसिक अनुकूलन कोच रखने पर चर्चा हुई थी लेकिन उस समय मुझे नहीं लगा कि इसकी जरूरत है। मुझे लगा कि खिलाड़ियों की इस तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए मेरे पास पर्याप्त अनुभव है।’’

भुवनेश्वर में न्यूजीलैंड के हाथों क्रॉसओवर मैच में हार के बाद रीड ने कहा था कि खिलाड़ियों को दबाव से पार पाने में मदद करने के लिए मानसिक अनुकूलन कोच की जरूरत थी।
रीड ने कहा,‘‘ हमें कोविड-19 से जूझना पड़ा और इस तरह की चीजों से उबरना आसान नहीं था। इसके बाद एशियाई खेल थे और बाद में उनको स्थगित कर दिया गया। हम आखिर में मानसिक अनुकूलन कोच नहीं रख पाए और इसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं।’’

रीड ने इसके साथ ही कहा कि ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड जैसी टीम के पास मानसिक अनुकूलन कोच हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक अनुकूलन कोच कोई भारतीय होना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले 58 वर्षीय रीड ने हॉकी इंडिया लीग शुरू करने के राष्ट्रीय महासंघ के प्रयासों का समर्थन भी किया। यह लीग 2017 से आयोजित नहीं की जा रही है।

उन्होंने कहा,‘‘ क्या भारत में क्लब संस्कृति है। मैं सुनिश्चित नहीं हूं। हमें इस तरह की प्रतियोगिता की जरूरत है। हमें ऐसी प्रतियोगिता की आवश्यकता है जो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के करीब हो।’’
रीड ने कहा,‘‘ इससे पहले हॉकी इंडिया लीग का आयोजन किया जाता था जो कि बहुत अच्छा था। इस तरह की लीग से काम थोड़ा आसान हो जाएगा। विश्व हॉकी में ऐसा कोई नहीं है जो कि हॉकी इंडिया लीग का आयोजन होते हुए नहीं देखना चाहेगा।’’

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने हाल में पीटीआई से कहा था कि हॉकी इंडिया लीग के इस साल के आखिर में शुरू होने की उम्मीद है।
रीड ने कहा कि इस साल के आखिर में एशियाई खेलों के आयोजन को देखते हुए जापान के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण था।
उन्होंने कहा,‘‘ इस साल के आखिर में एशियाई खेल होने हैं और हमें तब जापान से खेलना होगा, इस लिहाज से भी उनके खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण था।’’

कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने भी कहा कि बड़ी संख्या में मौजूद घरेलू दर्शकों के सामने दबाव से पार पाना कई बार मुश्किल हो जाता है।
हरमनप्रीत ने कहा,‘‘ यह कम अनुभवी खिलाड़ियों के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है जब वह खचाखच भरे स्टेडियम में खेलते हैं। यहां तक कि कई बार अनुभवी खिलाड़ी भी यह दबाव नहीं झेल पाते हैं। इसलिए यह मुश्किल था।’’

उन्होंने कहा,‘‘ लेकिन यदि आप अपने खेल पर ध्यान दो तो आप दर्शकों के समर्थन को सकारात्मक रूप में ले सकते हैं। यह हमारे लिए अच्छा सबक है। अगर हम फिर से इस तरह के माहौल में खेलते हैं तो हम जानते हैं कि इसके लिए मानसिक रूप से कैसे तैयार होना है।’’
भारत नौवें से लेकर 12वें स्थान के क्लासिफिकेशन मैच में शनिवार को दक्षिण अफ्रीका का सामना करेगा।

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