Pandemic Impact: बच्चों में बढ़ी ‘मायोपिया’ की शिकायत, विटामिन D का स्तर भी घटा, जानें क्या है कारण?


हाइलाइट्स

कोरोना महामारी के बाद से बच्चों में मायोपिया की शिकायत बढ़ी है.
एक्सपर्ट के मुताबिक इसके पीछे विटामिन D की कमी होना एक बड़ा कारण हो सकता है.

Corona and myopia, What is myopia: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है. कोविड19 वायरस ने बच्चों से लेकर बुजर्ग तक सभी के जीवन में एक बड़ा असर डाला है. कोरोना संक्रमण पहले की अपेक्षा अब थम चुका है, लेकिन अभी भी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. कोरोना वायरस को लेकर अब भी दुनिया भर में रिसर्च चल रही है. इस बीच एक शोध में यह सामने आया है कि महामारी ने बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाला है. महामारी की वजह से बच्चों में मायोपिया की शिकायत काफी ज्यादा बढ़ गई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार शंकर आई हॉस्पिटल द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पता चला है कि पिछले दो साल में मायोपिया से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़ी है. एक्सपर्ट के मुताबिक इसके पीछे विटामिन D की कमी होना एक बड़ा कारण हो सकता है.

क्या है मायोपिया (What is Myopia)
बता दें कि मायोपिया आखों की बीमारी है. पिछले कुछ समय में बच्चों में यह बीमारी तेजी से बढ़ी है. मायोपिया से ग्रसित होने पर दूर की चीजें देखने में देखने में काफी दिक्कत होती है. इस बीमारी को सामान्य बोलचाल की भाषा में निकट दृष्टि दोष कहा जाता है. इस बीमारी के बढ़ने पर दृष्टि हीनता का भी खतरा बढ़ जाता है. मायोपिया में पुतली का आकार बढ़ने लगता है जिससे किसी भी वस्तु का प्रतिबिंग रेटिना के बजाया थोड़ा अलग बनने लगता है जिससे चीजें धुंधली दिखाई देने लगती हैं.

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शंकर आई हॉस्पिटल द्वारा जनवरी और जुलाई 2022 के बीच किए गए अध्ययन में 8 से 14 वर्ष के बच्चों में विटामिन डी3 का स्तर कम पाया गया. जिन बच्चों में मायोपिया का शुरुआती चरण था उनको विटामिन डी3 का उपयोग करने की सलाह दी गई.

वयस्कों में बच्चों की अपेक्षा ज्यादा मामले
एक्सपर्ट का कहना है कि मायोपिया स्कूल जाने वाले बच्चों में पाई जाने वाली सामान्य बीमारी है. भारत में करीब 5.3 प्रतिशत बच्चे मायोपिया से ग्रसित हैं जबकि वहीं करीब 35.6 प्रतिशत वयस्क मायोपिया से ग्रसित पाए गए. मायोपिया किसी भी व्यक्ति या बच्चे में दृष्टि में कमी का एक शुरुआती और सामान्य कारण है और यह कई वर्षों में प्रगति करता है.

मायोपिया हमारी आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए जरूरी है कि हम इसके शुरुआती लक्षणोंको पहचाने ताकि बचपन में ही इसकी प्रगति को रोक सकें. स्टडी को लेकर हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजी एंड स्ट्रैबिस्मस की कंसल्टेंट डॉ. सौम्या आर ने कहा कि हमने यह पता लगाने की कोशिश की है कि बच्चों में विटामिन डी की बढ़ती कमी और बच्चों में मायोपिया के प्रसार के बीच क्या संबंध है.

घरों में बंद रहना भी एक बड़ा कारण
उन्होंने कहा कि सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का अच्छा स्रोत माना जाता है. लेकिन पिछले 2 से 2.5 सालों में लोग बाहर निकलने की जगह घरों में बंद रहे जिसकी वजह से लोगों में खासकर बच्चों की लाइफ पर बुरा असर पड़ा है. चार दिवारी में बंद रहने की वजह से बच्चों को सूर्य का प्रकाश नहीं मिल सका यह भी विटामिन डी की कमी का एक कारण हो सकता है. डॉ. सौम्या ने कहा कि अब जब बच्चे फॉलोअप के लिए आ रहे हैं तो मायोपिया के बढ़ते मामले के साथ विटामिन डी की कमी भी बच्चों में साफ तौर पर दिखाई दे रही है.

Tags: Corona, Corona Pandemic, Health, Pandemic and Kids



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