NIA छापा : टेरर फंडिंग में इंदौर का बड़ा कारोबारी अब्दुल करीम बेकरीवाला गिरफ्तार, खरगोन दंगों से कनेक्शन!


इंदौर. आज देशभर में पड़े NIA के छापों में इंदौर के बड़े कारोबारी अब्दुल करीम बेकरीवाला की गिरफ्तारी भी हुई है. वो पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है. बेकरीवाला की गिरफ्तारी टेरर फंडिग के मामले में हुई है. इसी साल रामनवमी पर खरगोन में हुए दंगों के तार भी उससे जुड़ रहे हैं.

टेरर फंडिग मामले में एनआईए ने देशभर के 13 राज्यों में छापे मारे हैं. इसमें 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इंदौर – उज्जैन में भी पीएफआई के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें तीन लोग इंदौर से और एक को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है. इन सभी को एनआईए दिल्ली लेकर चली गयी. वहां इनसे पूछताछ की जाएगी.

आधी रात के बाद छापा
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने आधी रात के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान इंदौर और उज्जैन में भी छापेमार कार्रवाई की गई. इइंदौर से 3 लोगों को एनआईए टीम अपने साथ दिल्ली ले गई. वहीं उज्जैन से भी पीएफआई के एक पदाधिकारी को हिरासत में लिया गया है. इंदौर में एनआईए की टीम ने जवाहर मार्ग पर बने पीएफआई के ऑफिस में छापा मारकर कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. इसके अलावा एनआईए ने सदर बाजार थाना क्षेत्र, खजराना, छतरीपुरा, खातीवाला टैंक और छीपा बाखल इलाके में दबिश देकर पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरीवाला और दो पदाधिकारी अब्दुल जावेद और रफीक को हिरासत में लिया. उज्जैन से पीएफआई के प्रदेश महासचिव जमील शेख को गिरफ्तार किया गया.

अब्दुल करीम बेकरीवाला इंदौर में बड़ा नाम
एनआईए ने घर की तलाशी में कुछ किताबें और दस्तावेज जब्त किए. इन सभी को लेकर एनआईए दिल्ली रवाना हो गई जिन भी कार्यकर्ताओं को एनआईए की टीम ने अपनी हिरासत में लिया है,वे पहले प्रतिबंधित संगठन सिमी के कार्यकर्ता रहे हैं. सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद इन लोगों ने पीएफआई को ज्वाइन कर लिया था. प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरीवाला का बेकरी का बड़ा कामकाज है. वो बेकरी के व्यवसाय के बीच पीएफआई के लिए फंडिंग का काम करता था. इसी तरह से अब्दुल जावेद और रफीक छोटा मोटा कामकाज करते हुए पीएफआई के लिए फंडिंग का काम करते थे.

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पीएफआई पर प्रतिबंध की तैयारी
इंदौर पहुंचे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा एनआईए ने देशभर में कार्रवाई की है. करीब 100 से ज्यादा लोगों को पकड़ा है. इंदौर में भी कार्रवाई की गई है. मैं इस बारे में ज्यादा जानकारी साझा करना ठीक नहीं समझता हूं. जहां तक पीएफआई पर प्रतिबंध की बात है, इस पर विचार चल रहा है. हालांकि पीएफआई एक राष्ट्रव्यापी संगठन इसलिए इस पर प्रतिबंध का फैसला केंद्र सरकार लेगी.

11 महिला अफसरों सहित 20 लोगों की टीम
इंदौर में कार्रवाई के दौरान एनआईए के 20 से ज्यादा अधिकारी शामिल रहे हैं. इनमें 10 से 11 लेडी अफसर भी शामिल थीं. ये कार्रवाई रात 3 बजे से सुबह 7 बजे तक चली. जिस बिल्डिंग में पीएफआई का ऑफिस हैं,वहां के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की हार्ड डिस्क एनआईए के अधिकारी ले गए हैं.

कलेक्टर का बयान
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि एनआईए ने हमसे अफसरों टीम ली थी. पुलिस से भी  बल मांगा गया था. इंदौर में भी एक साल पहले युवा मुस्लिमों को भड़काने का मामला सामने आया था,जिसमें चूड़ी वाले केस में सेंट्रल कोतवाली थाने पर हमला किया गया था. इसके बाद इंदौर प्रशासन ने पीएफआई से जुड़े अब्दुल रऊफ को जिलाबदर किया और जाहिद पठान पर रासुका भी लगाई है. हम ऐसे लोगों पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं,जो युवाओं को गुमराह कर राष्ट्रविरोधी काम में लगा रहे हैं.

मालवा निमाड़ में पीएफआई नेटवर्क
पिछले काई दिन से ये बात सामने आ रही थी कि पीएफआई को अलग-अलग जगहों से कई तरह से फंडिंग हो रही है. इसी के बाद ये कार्रवाई की गई है. इंदौर में जवाहर मार्ग पर बने ऑफिस से पहले पीएफआई का ऑफिस बंबई बाजार की ताज बिल्डिंग के नजदीक था. वहां पर भी पंढरीनाथ और सराफा थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की थी. पीएफआई का संगठन मालवा-निमाड़ के इलाके में काफी एक्टिव बताया जा रहा है. सिमी भी इसी इलाके में सक्रिय रहा है. अभी हाल ही में खरगोन में हुए दंगों में पीएफआई के शामिल होने की बात कही जाती रही है.

पीएफआई का इतिहास
17 फरवरी 2021 को उज्जैन में पीएफआई ने अपने स्थापना दिवस पर सभा में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया था. इस दौरान संगठन का झंडा फहराया गया था. कोविड प्रोटोकाल तोड़ने के कारण पुलिस ने पीएफआई के सदस्यों पर मामला भी दर्ज किया था. इस तरह नवंबर 2021 में भी पीएफआई के छह सदस्यों पर केस दर्ज किए गए थे. सदस्यों ने त्रिपुरा हिंसा के विरोध में कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन दिया था, जिसमें आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया था. इस पर माधवनगर पुलिस ने धारा 188, 505 (1) सी, 505 (2), 295 ए, 153 ए में प्रकरण दर्ज किया था. हालांकि इन धाराओं में सात साल से कम की सजा होने पर सभी को थाने से ही नोटिस देकर छोड़ दिया गया था.

Tags: Indore news, NIA, PFI, Terror Funding



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