New Virus: दुनिया में नए खतरनाक वायरस की एंट्री! नाम है खोस्ता, साइंटिस्ट को हुई टेंशन


Khosta-2 Virus Threat: कोविड का संक्रमण चीन में 2019 के लास्ट में शुरू हुआ था और साल 2020 के शुरुआती महीनों तक इसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. हालात ये बन गए कि मार्च 2020 में पूरी दुनिया लॉकडाउन की तरफ चली गई. कोरोना के समय में ही वैज्ञानिकों को एक और वायरस के बारे में पता चला था, जो कोरोना की तरह ही चमगादड़ों, पैंगोलिन्स, कुत्तों और सुअर जैसे जंगली जानवरों में होता है. इसका नाम है खोस्ता-2. कोरोना पर रिसर्च के दौरान इसके बारे में कई जानकारियां सामने आईं, लेकिन उस वक्त वैज्ञानिकों ने इस वायरस को गंभीरता से इसलिए नहीं लिया क्योंकि इसमें ऐसा कोई लक्षण नहीं मिल पा रहा था, जिससे ये माना जाए कि ये इंसानों को प्रभावित कर सकता है. इसलिए इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया. 

लेकिन रूस में खोस्ता-2 हुई एक ताजा रिसर्च में डराने वाली बात सामने आई है. क्योंकि इस रिसर्च में यह बात तो साफ हो ही गई है कि खोस्ता-2 वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है बल्कि यह बात भी साफ हो गई है कि कोरोना की कोई भी वैक्सीन इस वायरस को रोकने में प्रभावी नहीं है. हालांकि कि खोस्ता-2 कोरोना फैमिली का ही एक वायरस है और कोरोना की तरह ही शरीर की कोशिकाओं पर सबसे पहले अटैक करता है. लेकिन इसकी संक्रमण क्षमता और डेडली अटैक पर कोविड वैक्सीन्स प्रभावी नहीं हैं. 

यह रिसर्च रूस में हुई है और प्लोज पैथोजन्स जर्नल में प्रकाशित हुई है. इसमें कहा गया है कि जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन लगवा रखी हैं, उनके शरीर के लिए भी यह वायरस उतना ही हानिकारक है, जितना कि वैक्सीन ना लगवाने वालों के लिए. हालांकि अभी तक सार्स कोविड-2 फैमिली के जितने भी वायरस सामने आए हैं, जैसे डेल्टा, ओमिक्रोन इत्यादि. इन सभी के खतरे को वैक्सीन ने कम किया है. लेकिन खोस्ता-2 वायरस पर यह बात लागू नहीं होती है, फिर भले ही यह भी सार्स-कोविड-2 फैमिली का ही वायरस है. 

वैज्ञानिको ने क्यों नहीं दिया था ध्यान?

साल 2020 में पहली बार खोस्ता-2 वायरस के बारे में पता चला. यह कोरोना वायरस के संक्रमण का समय था और एक के बाद एक नए वायरस सामने आ रहे थे. लेकिन खोस्ता-2 पर वैज्ञानिकों ने इसलिए ध्यान नहीं दिया क्योंकि 
पहले तो इसमें कोई लक्षण ऐसा नहीं मिला कि यह इंसानों को संक्रमित कर सकता है. दूसरी बात यह है कि खोस्ता-1 वायरस भी है, जो इंसानों को संक्रमित नहीं करता है. हालांकि ताजा रिसर्च में यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि खोस्ता-2 इंसानों को संक्रमित कर सकता है.

कैसे फैलता है खोस्ता-2?
खोस्ता-2 वायरस फिलहाल चमगादड़ों, पैंगोलिन्स, रैकून और कुत्ते आदि जंगली जानवरों में फैल रहा है. ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है, जिसमें इंसान में खोस्ता-2 वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई हो. लेकिन रिसर्च से जुड़े माइकल लेटको का कहना है कि यह वायरस भविष्य में महामारी का रूप ले सकता है. खासतौर पर अगर यह कोविड वायरस के साथ मिलकर इंसानों में पहुंचा तो बहुत डेडली साबित हो सकता है.

बचाव को लिए क्या किया जा रहा है?
खोस्ता वायरस से बचाव के लिए वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में पहले ही लग चुके हैं. दरअसल, अब वैज्ञानिक सिर्फ खोस्ता-2 को फोकस में रखकर वैक्सीन डिवेलप करने की जगह ऐसी वैक्सीन बना रहे हैं, जो सार्स कोविड-2 फैमिली (SARS-CoV-2) और इस जैसे सभी वायरसों से इंसानी जीवन को बचा सके.

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