NCLAT से गूगल को झटका! CCI के आदेश पर रोक लगाने से किया इंकार


Google Penalty: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (National Company Law Appellate Tribunal) ने गूगल को उस पर कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने का 10 फीसदी अदा करने का निर्देश दिया है. इस लिहाज से देखें तो गूगल को करीब 137.77 करोड़ या लगभग 134 करोड़ रुपये अदा करने होंगे.

NCLAT की बेंच ने दिया बड़ा निर्देश

एनसीएलएटी की दो सदस्यीय बेंच ने बुधवार को सीसीआई के जुर्माने के आदेश के खिलाफ गूगल की याचिका को स्वीकार कर लिया. हालांकि, जुर्माने के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि वह अन्य पक्षों को सुनने के बाद ही कोई आदेश देगी. अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीसीआई को नोटिस जारी करते हुए अंतरिम रोक पर सुनवाई के लिए इस मामले को 13 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.

Google की याचिका में क्या था

एनसीएलएटी का यह निर्देश गूगल की याचिका पर आया है जिसमें उसने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र में कई बाजारों में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने के मामले में सीसीआई की तरफ से जारी आदेश को चुनौती दी है. गूगल ने कहा कि यह आदेश भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक झटका है और इससे इस प्रकार के उपकरण देश में और महंगे हो जाएंगे. कार्यवाही के दौरान गूगल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीसीआई के 20 अक्टूबर के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया.

गूगल पर लगा था 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना

सीसीआई ने इस मामले में पिछले वर्ष 20 अक्टूबर को गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके अलावा, सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दिया था. गूगल ने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र के मामले में अनुचित व्यापार व्यवहार के संबंध में सीसीआई के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की थी और जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने क्या कहा

हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा, “उपयुक्त सुनवाई के बगैर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है.” पीठ ने यह भी कहा कि सीसीआई का आदेश 20 अक्टूबर को आया था जबकि गूगल ने एनसीएलएटी का दरवाजा लगभग दो महीने बाद खटखटाया. पीठ ने कहा, “आपको याचिका दायर करने में दो महीने का वक्त लगा और आप हमसे उम्मीद करते कि हम दो मिनट में आदेश दे दें.”

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