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सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को उस याचिका पर यूपी के डीजी प्रिजन को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था, जिसमें कहा गया था कि अदालत के आदेश के बाद भी करीब दो दशक से जेल में बंद दो कैदियों को समय से पहले रिहा करने पर विचार नहीं किया गया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने मोहम्मद नुरुला और आलोक मिश्रा की ओर से दाखिल कंटेप्ट पिटीशन पर डीजी प्रिजन को जवाब देने के लिए कहा था। याची के वकील ने कहा था कि पिछले साल 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी को तीन महीने के भीतर दोनों याचिकाकर्ताओं की समय से पहले रिहाई पर 2018 की नीति के तहत विचार करने को कहा था, लेकिन फिर भी विचार नहीं किया गया। नुरुला 21 साल से, जबकि आलोक 22 साल से यूपी के अलग-अलग जेल में बंद है।
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