CID के दया ने कराया हेयर ट्रांसप्लांट, वीडियो में बताया सर्जरी का सच और कितना हुआ दर्द


‘दया दरवाजा तोड़ दो’ ये डायलॉग जैसे ही सुनाई देता था, उसके अगले ही पल टीवी सीरियल ‘सीआईडी’ में एक्टर दयानंद शेट्टी को दरवाजा तोड़ते देखा जा सकता था। शो में इस किरदार को पूरे दमखम के साथ और बिना हिचक के ऑर्डर को पूरा करते देखा जाता था। हालांकि, रियल लाइफ में ये अभिनेता अपने लुक्स से जुड़ी एक समस्या से जूझ रहा था, जो धीरे-धीरे उन्हें टेंशन में डाल रहा था। दरअसल, दयानंद बालों के झड़ने, पतले होने और बढ़ते गंजेपन से जूझने लगे थे। इससे निजात पाने के लिए उन्होंने हाल ही में हेयर ट्रांसप्लांट करवाया। एक्टर ने अपना पूरा अनुभव लोगों के साथ शेयर किया है, जिसमें उन्होंने पहले से लेकर आखिरी स्टेप तक की डीटेल दी। (फोटो साभार: BCCL, YT@QHT)

हेयर थिनिंग और रिसीडिंग की समस्या से जूझ रहे थे दयानंद

दयानंद शेट्टी ने बताया कि उनके क्राउन एरिया में बाल काफी कम हो गए थे। इसके साथ ही उनकी फ्रंट हेयरलाइन भी रिसीड होने लगी थी। उन्होंने बताया कि इन दोनों चीजों के साथ ही हेयर थिनिंग की परेशानी से भी वो जूझ रहे थे। एक्टर ने क्लीनिक में अपॉइंटमेंट लिया, जहां सर्जरी से पहले उनके ब्लड टेस्ट किए गए। ये टेस्ट ये सुनिश्चित करने के लिए किए गए कि मरीज फिजिकली फिट है या नहीं।

ऐसे शुरू हुआ हेयर ट्रांसप्लांट

शुरुआती टेस्ट क्लियर होने के बाद दयानंद शेट्टी के बालों को शेव किया गया और फिर हेयर लाइन डिजाइन बनाई गई। ये लाइन ग्लेबला यानी आइब्रो के बीच वाले हिस्से से आइडली सात सेंटीमीटर ऊपर होनी चाहिए। एक्टर ने इस लेंथ को अपने लिए नैचरल ही रखा और इसे ज्यादा नीचे या ऊपर नहीं करवाया। इसके बाद ट्राइकोस्कोपी के जरिए उनके स्कैल्प का निरीक्षण किया गया ताकि उनके स्कैल्प और बालों से जुड़ी समस्या को अच्छे से समझा जा सके।

एनेस्थिसिया दिया और फिर इतने घंटे में पूरी हुई सर्जरी

सर्जरी के पहले स्टेप में एक्टर के सिर के उस हिस्से पर एनेस्थिसिया लगाया गया, जहां हेयर को ट्रांसप्लांट किया जाना था। पूरी सर्जरी में करीब साढ़े पांच घंटे का समय लगा। एक्टर ने शेयर किया कि लोग काफी डराते हैं कि इसमें दर्द होता है, लेकिन उन्हें इसका बिल्कुल एहसास नहीं हुआ।

एक अन्य वीडियो में एक्टर ने शेयर किया कि ट्रांसप्लांट के तीसरे या चौथे दिन पलकों के आसपास उन्हें थोड़ी सी सूजन आई। एनेस्थिसिया का असर दूर होने के बाद शुरुआत में थोड़ा दर्द रहा, लेकिन वो भी 20 दिन बाद काफी कम हो गया। उन्होंने ये भी शेयर किया उन्होंने पेन किलर्स लेना भी बंद कर दिए हैं।

कैसे काम करता है हेयर ट्रांसप्लांट

क्लीवलेंट क्लीनिक के लेख के अनुसार, हेयर ट्रांसप्लांट में व्यक्ति के उस हिस्से से बाल लिए जाते हैं, जहां पर वो ज्यादा घनी संख्या में मौजूद होते हैं। इन बालों को फिर उस पोर्शन पर ट्रांसप्लांट किया जाता है, जहां पर हेयर थिनिंग या फिर गंजापन आने लगा है। आमतौर पर ये बाल सिर के पीछे वाले भाग से लिए जाते हैं, क्योंकि वहां के ये ज्यादा मोटे होते हैं। एक बार प्रोसिजर ओवर हो जाए और स्कैल्प हील हो जाए, तो कुछ समय बाद ट्रांसप्लांट हेयर नैचरल बालों की तरह ही बढ़ने लगते हैं।

जोखिम और फायदे

हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के कुछ जोखिम भी होते हैं, जिनमें

  • एनेस्थिसिया से रिएक्शन
  • ग्राफ्टिंग प्रॉसेस फेल होना
  • स्कैल्प का सुन्न होना
  • निशान बनना और इंफेक्शन होना
  • खुजली होना
  • दर्द उठना
  • भारीपन महसूस होना आदि शामिल हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको फिर से घने बाल मिल जाते हैं, जो लुक को बदलकर रख देते हैं। साथ ही ये गंजेपन की समस्या को भी दूर कर देता है।

ये भी पढ़ें: वहीदा रहमान के सफेद बाल देख सन्न रह गईं थी हेलन, सुनील दत्त ने किया था ये कॉमेंट

(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।)





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *