48 साल से नहीं ली एक भी छुट्टी: मां की मौत के दिन भी करते रहे अमिताभ का मेकअप, शूटिंग के बाद अंतिम संस्कार किया

[ad_1]

एक घंटा पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय

जंजीर से लेकर गुडबाय तक पिछले 48 साल से अमिताभ बच्चन के साथ एक इंसान है। नाम है दीपक सावंत। ये बिग बी के मेकअप आर्टिस्ट हैं और पिछले 48 सालों से बिना एक भी दिन छुट्टी लिए ये काम कर रहे हैं। काम के लिए दीपक के डेडिकेशन को इसी बात से समझा जा सकता है कि जब उनकी मां की मौत की खबर उनके पास पहुंची, वो अमिताभ बच्चन का ही मेकअप कर रहे थे।

उन्होंने काम नहीं छोड़ा, सुबह 10 से शाम 4 तक काम निपटाया फिर मां के अंतिम संस्कार में पहुंचे। दिलीप कुमार, राजेश खन्ना से अमिताभ बच्चन तक, मेकअप के लिए ये हर सुपरस्टार की पसंद रहे। 1 रु. रोज से कमाई की शुरुआत करने वाले दीपक अब एक दिन का 50 हजार चार्ज करते हैं।

परदे के पीछे के इस बड़े कलाकार की कहानी आज उन्हीं की जुबानी…

12 साल की उम्र से शुरू किया काम

मेरे पिता मेकअप आर्टिस्ट थे। उस जमाने में कोई पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट नहीं हुआ करते थे। कंपनी आर्टिस्ट को हायर करती थी। उस समय जब एक फिल्म बनती थी तो काम रहता था, लेकिन पिक्चर खत्म होते ही काम खत्म। अगली फिल्म 2 साल बाद मिलती थी। हमारे लिए ये बुरा समय था। उस जमाने में काम नहीं मिलता था, घर कैसे चलता। पैसों की जरुरत थी उसके लिए मेहनत करने की जरुरत थी। मैंने 12 साल की उम्र से ही काम शुरू कर दिया। आपको जीने के लिए रोज मरना होता है।

1962 में 30 रुपए की पगार पर करते थे दुकान में काम

मेरा जन्म 1949 में हुआ था। 12 साल की उम्र में मैंने एक इलेक्ट्रिक शॉप में काम शुरू किया। मेरी 30 रुपए पगार थी और खाने के हर महीने 30 रुपए देने पड़ते थे। कोई रहने की जगह भी नहीं थी। ये साल 1962 की बात है।

फिल्में देखने के लिए खानी पड़ती थी चाबुक से मार

उस जमाने में हम शम्मी कपूर के फैन थे, लेकिन उनकी फिल्म देखने में हमें मार पड़ती थी। हम फिल्म देखने जाने के लिए 2-10 किलोमीटर चलने की बजाए टांगे के पीछे लगी रॉड में बैठ जाते थे। टांगे वाले को पता चल जाता था और वो हमें चाबुक से मारकर उतारता था। चलते-चलते हमें दो-चार चाबुक पड़ जाते थे।

उस जमाने में 50 पैसे की एक पिक्चर दिखाई जाती थी। नीचे से खटमल काटते थे और हम फिल्म देखते थे। उसी समय हमें एक ऑफिस में चाय पिलाने के लिए रख लिया। जब कोई ग्राहक आता था तो हमें चाय का बोलने जाना पड़ता था। वहां हमारी पगार 45 रुपए हो गई। 15 रुपए बढ़ गए। ऑफिस दूसरे माले पर थी और चाय की दुकान उससे तीन बिल्डिंग छोड़कर।

अगर 50 ग्राहक आते तो हमें 200 बार सीढ़ी चढ़ना-उतरना पड़ता था। मेहनत बचाने के लिए मैंन एक तरकीब लगाई। एक कांच का टुकड़ा खरीदा और धूप से चाय वाले को टारगेट करते थे। रोशनी पड़ने पर वो देख लेता था और हम इशारे से चाय का बोल देते थे। जब में नीचे नहीं उतरता था तो मालिक को लगा में कामचोरी करता हूं और उसने मुझे नौकरी से निकाल दिया।

रोटी को पानी में भिगोकर भरते थे पेट

उस समय तेल 1.5 रुपए लीटर था। हमारी पूरी पगार सब्जी खरीदने में ही निकल जाती थी। महीने में 30 रुपए सब्जी में खर्च होते थे तो हमने सब्जी खाने के बदले रोटी पानी में भिगोकर खाई। अगली नौकरी एक गोडाउन में मिली।

गोडाउन में चोर को पकड़ा तो मालिक ने गुस्से में मुझे ही नौकरी से निकाल दिया। नौकरी छूटी तो जो दूसरी नौकरी मिली उसके लिए परिवार छोड़कर दूर जाना पड़ता। मना कर दिया। पिता के पास भी नौकरी नहीं थी, लेकिन घरवालों का पेट तो पालना था ना।

राजेश खन्ना को देखकर किया मेकअप आर्टिस्ट बनने का फैसला

पिता जी ने मुझसे कहा कि तुम्हें प्रोडक्शन के काम की भी जानकारी है। तुम किसी एक डिपार्टमेंट को पसंद कर लो। पिता मुझे फिल्म प्रोडक्शन में लेकर गए। मैंने दो दिन का समय मांगा। मैंने सेट पर देखा कि राजेश खन्ना आए हैं। गोरा-चिट्ठा सा यंग लड़का जैसे ही मेकअप रूम से बाहर आया तो वो एक ट्रक ड्राइवर बन चुका था। मेकअप रूम में उन्हें मूंछें लगाई गईं। मैं देखकर हैरान था कि मेकअप आर्टिस्ट का काम कितना बेहतरीन होता है। दुश्मन फिल्म का सेट था। मैंने सोच लिया कि मुझे भी मेकअप आर्टिस्ट ही बनना है।

जब मैंने पिता को ये बात बताई तो वो चिढ़ गए। उन्होंने बैग मेरे कंधे पर रख दिया। उस समय राजेश खन्ना का मेकअप नहीं करना था, सिर्फ शॉट खत्म होने पर उन्हें आइना दिखाना था। राजेश खन्ना ने बहुत तेज आवाज में चिल्लाया…मेकअप। पूरी यूनिट में हल्ला होने लगा, लेकिन मेकअप वाले किसी शख्स ने जवाब ही नहीं दिया। मैंने उनसे भी तेज आवाज में चिल्लाया, यस, आई एम हियर सर।

पूरी यूनिट हैरान रह गई कि राजेश खन्ना को इतनी तेज आवाज में जवाब देने वाला ये आदमी कौन है। मैं गया उन्हें आइना दिखाया और वापस जगह पर आ गया। ऐसा दो-तीन बार हुआ। ये देखने के बाद पिताजी ने मुझे खूब डांटा। उन्होंने कहा तुम बदतमीज हो, इतने बड़े आर्टिस्ट को जवाब देते हो। मैंने पूछा कि क्या उन्होंने आपसे शिकायत की तो उन्होंने कहा नहीं। मैंने कहा, अगर उन्हें अच्छा लग रहा है तो आपको बुरा क्यों लग रहा है।

काम से इंप्रेस होकर दूसरे प्रोडक्शन हाउस वालों ने दिया काम

इस इंसीडेंट के तीन दिन बाद मुझे बीआर फिल्म्स (बीआर चोपड़ा का फिल्म प्रोडक्शन) का ऑफर मिला। वहां का एक मेकअप आर्टिस्ट पूछते हुए आया कि दीपक सावंत नाम का लड़का कौन है, जो बहुत अच्छा काम करता है।

जबकि मैंने कोई काम नहीं किया था, मैंने बस आइना दिखाया था। मुझे कुछ नहीं आता था। उस समय यश चोपड़ा बीआर फिल्म्स में मैनेजर थे। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारा काम हमें अच्छा लगा। मैंने पूछा कितनी पगार मिलेगी तो उन्होंने कहा 192 रुपए। तुम्हें यहां खाना और आने-जाने के पैसे नहीं मिलेंगे।

दिलीप कुमार को इंप्रेस करने की खास ट्रिक

उस समय एक फिल्म बनी थी, दास्तान जिसमें दिलीप कुमार थे, उस फिल्म में मुझे काम मिला। दिलीप साहब को सफेद कपड़े पसंद थे। मैंने उन्हें इंप्रेस करने के लिए अपने ड्रेसिंग पर सफेद टॉवल डाल दिया। उसमें मेकअप का सामान धो पोछकर जमा दिया। उनकी बैठक में सफेद चादर डाली, बाथरूम में सफेद तौलिया रखा। उन्होंने आते ही पूछा कि रूम किसने सजाया। किसी ने मेरा नाम लिया तो उन्होंने कहा कि अब से दीपक मेरे कमरे में रहेगा और मेरे कपड़ों और मेकअप का काम करेगा।

कुछ दिन बाद उन्होंने पूछा कि क्या तुम्हें मेकअप आता है। मैं जूनियर आर्टिस्ट का मेकअप करता था, अच्छा या बुरा हो तब भी कोई फर्क नहीं पड़ता था। मुझे थोड़ा बहुत ही काम आता था। दिलीप साहब ने मुझसे कहा, दीपक मेरी एक दो फिल्में हैं जहां मैं तुम्हें पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट बनाकर ले जाना चाहता हूं। ये पहली बार था, जब मुझे पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट बनने का मौका मिला। दिलीप कुमार वो पहले एक्टर थे जिसका मैंने मेकअप किया।

कैसे अमिताभ के मेकअप आर्टिस्ट बने दीपक?

फिर मुझे राज खोसला के प्रोडक्शन में बन रही रास्ते का पत्थर फिल्म का ऑफर मिला, जिसमें अमिताभ बच्चन हीरो थे। महबूब स्टूडियो में शूटिंग हुई। वहां रूम नंबर 8 था मैंने उन लोगों को इंप्रेस करने के लिए कमरे को सफेद रंग से सजाया। अमिताभ बच्चन आए तो खूबसूरत कमरा देखकर दंग रह गए। खूबसूरती सबको पसंद आती है। वो भी इंप्रेस हो गए।

एक दिन कंपनी के मेकअप आर्टिस्ट अमिताभ का मेकअप करने की जगह हीरोइन के पास अटक गए। अमित जी ने पूछा कि क्या तुम मेरा मेकअप करोगे। मैंने कहा कि सर, मैं बिना हेड मेकअप आर्टिस्ट की इजाजत के नहीं कर सकता। अमित जी ने हेड से पूछा, हेड ने हांमी भरी और मैंने मेकअप किया। मेकअप होने के बाद अमित जी ने कहा तुम अच्छा मेकअप करते हो तो पीछे क्यों रहते हो।

अगले दिन से मैं अमित जी का मेकअप करने लगा। वहां से मेरा और अमिताभ बच्चन का साथ शुरू हुआ और आज 48 साल बाद भी हम साथ काम करते हैं। जंजीर में भी मैंने ही अमिताभ का मेकअप किया। जंजीर हिट हुई और उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा।

48 साल में मैंने कभी छुट्टी नहीं ली- दीपक

मैंने 48 सालों के मेकअप आर्टिस्ट के करियर में कभी छुट्टी नहीं ली। जिस दिन मेरी मां का निधन हुआ उस दिन भी सुबह मैंने अमिताभ बच्चन का मेकअप किया और शाम को मां के अंतिम संस्कार में पहुंचा।

मेकअप करवाते हुए अमित जी चिढ़ गए कि तुम्हारी मां का निधन हो गया और तुम यहां हो। मैंने जवाब दिया, मेरी माताजी जानती थीं कि हमारे हालात क्या रहे हैं, हम कैसे संघर्ष से यहां पहुंचे। मेरी मां कहती थी कि काम सर्वोपरि है। सुबह 10 बजे निधन हुआ था और काम करके मैं 4 बजे मां के पास पहुंचा।

अमिताभ बच्चन के राजनीति में जाने से बंद हो गया था काम

जब अमिताभ बच्चन राजनीति में गए तो मेरा काम बंद हो गया। उस समय मुझे स्मिता पाटिल ने बुलाया। उन्हें मेरा काम देखा और उन्हें पसंद आया। उन्होंने कहा, दीपक अगर तुम मेरा मेकअप करोगे तभी मैं कमर्शियल फिल्म करूंगी वरना नहीं करूंगी। मैंने उनके साथ फिल्में कीं, लेकिन फिर उनका देहांत हो गया।

स्मिता पाटिल की आखिरी इच्छा

वो हमेशा बोला करती थीं, जब भी मरूंगी तो मुझे सुहागन बनाकर विदा करना। जब उनका निधन हुआ तो घर में फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का जमावड़ा लगा था। मैंने उन्हें बहुत पहले एक मेकअप किट दी थी। वो किट उनकी मां मेरे पास लेकर आईं और कहा कि बेबी की इच्छा थी कि तुम उन्हें सुहागन बनाओ। मैं खूब रोया और उनका मेकअप किया। स्मिता के निधन के बाद अमित जी ने मुझे दोबारा साथ रख लिया।

प्रोस्थेटिक मेकअप आने से भी काम रुक गया था

बीच में प्रोस्थेटिक मेकअप आ गया। प्रोस्थेटिक मेकअप विदेश में ज्यादा होता है तो वहीं से आर्टिस्ट भी बुलाए जाते हैं। फिल्म पा में अमिताभ बच्चन का लुक तैयार करने के लिए विदेश से आर्टिस्ट आए थे। इसके बावजूद दीपक अमिताभ के साथ सेट पर मौजूद रहे।

गुजरात में हुई थी नरेंद्र मोदी से मुलाकात

एक बार गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी अमिताभ बच्चन से मिलने आए। मैंने कहा मुझे उनके साथ एक तस्वीर चाहिए। मैंने कहा मेरा नाम दीपक सावंत है मैं अमित जी का मेकअप आर्टिस्ट हूं। मोदी जी ने कहा, दीपक सावंत कम ऑन। इतने बड़े आदमी के मुंह से अपना नाम सुनकर मैं बहुत खुश हुआ।

गरीबों के हित में काम कर रहे हैं दीपक सावंत

हमारा एक प्रोजेक्ट है पानी पानी पानी। इसमें 3-5 करोड़ किसानों को एक साथ पानी मिलेगा। हम पहले नदी से पानी लेते हैं फिर उसे पाइप लाइन के जरिए खेत तक पहुंचाया। इसके अलावा सड़क में ठेलो में सामान बेचने वालों के लिए भी हम बॉक्स प्रोवाइड कर रहे हैं, जिससे वो हाइजिनिक तरीके से सामान बेच सकें।

आदिवासियों के लिए हम रोड, पानी, घर मुफ्त देंगे और साथ ही 300 लोगों को रोजगार देंगे।

मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है अमिताभ बच्चन को छूना

140 करोड़ लोगों में भगवान ने मुझे बच्चन साहब के पास भेजा, ये मेरे लिए सबसे बड़ा अचीवमेंट है। उन्होंने मुझे 48 साल तक संभाला है। हम साथ में रहे इससे ज्यादा मुझे क्या चाहिए। इस बात के लिए में हमेशा ऊपर वाले का शुक्रगुजार रहूंगा। मैंने जितना त्याग किया है, जितनी तकलीफें उठाईं हैं, उसके बदले आज ऊपर वाले ने मुझे सुखी रखा है।

1 रुपए एक दिन के मिलते थे आज एक दिन के मिलते हैं 50 हजार रुपए

बता दें कि दीपक सावंत ने ही हाल ही में प्रसारित हो रहे KBC-14 में अमिताभ बच्चन का मेकअप किया है। 30 रुपए की पगार से करियर शुरू करने वाले दीपक सावंत को आज एक बार अमिताभ बच्चन का मेकअप करने के 30-50 हजार रुपए तक मिलते हैं।

इसी तरह पर्दे के पीछे काम करने वाली हस्तियों की कहानी जानने के लिए नीचे दी गई खबर पढ़ें-

सबसे महंगी राजस्थानी फिल्म बनाकर दिवालिया हुए थे सागर:जिस टॉकीज के बाहर सालों तक चाय बेची, उसी के पर्दे पर हीरो बनकर आए

अपने शुरुआती दिनों में ये जयपुर के लक्ष्मी मंदिर टॉकीज के बाहर चाय बेचते थे। छह साल तक ये सिलसिला चला। फिर वक्त ने करवट ली और एक दिन वो आया कि इसी लक्ष्मी मंदिर टॉकीज में वो फिल्म लगी, जिसमें ये हीरो थे। एक चाय वाले से एक्टर-डायरेक्टर बनने की सागर की कहानी काफी दिलचस्प है। हीरो बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए इन्हें सालों तक स्ट्रगल करना पड़ा। पहले दूध बेचते थे, फिर टॉकीज के बाहर चाय, फिर फिल्मों के सेट पर स्पॉट बॉय बने, ऑफिस बॉय बने, ड्राइवर भी रहे, फिर असिस्टेंट डायरेक्टर और एक दिन फिल्म के हीरो बन गए।

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

325 तरह से साड़ी बांधने वाली डॉली जैन:घरवालों के सोने के बाद रात 3 बजे तक प्रैक्टिस करती थीं, अब एक्ट्रेसेस को पहनाती हैं साड़ी

खुद साड़ी पहनने से नफरत करने वाली डॉली ने सुपरस्टार श्रीदेवी के कहने पर साड़ी पहनाने को अपना प्रोफेशन बनाया और आज वो हर बड़ी एक्ट्रेस की फेवरेट हैं।डॉली की क्लाइंट लिस्ट में दीपिका, आलिया से लेकर नयनतारा तक कई बड़ी एक्ट्रेसेस शामिल हैं। अंबानी के घर में शादी हो या किसी फिल्म स्टार की, दुल्हन को साड़ी पहनाने का काम इनका ही होता है। डॉली 325 तरह की साड़ी बांधना जानती हैं, ये वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है, मात्र 18.5 सेकेंड्स में साड़ी पहनाने का।

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हेमा मालिनी से श्रीदेवी तक की बॉडी डबल रहीं रेशमा- 5 महीने की प्रेग्नेंट थीं तब स्टंट के लिए पहली मंजिल से लगा दी थी छलांग

रेशमा बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन हैं। पहले लड़के ही हीरो और हीरोइन दोनों के बॉडी डबल का काम करते थे, लेकिन रेशमा ने पहली बार फिल्मी पर्दे पर किसी एक्ट्रेस के लिए बॉडी डबल का काम कर दुनिया को ये दिखाया कि औरतें भी भारी-भरकम एक्शन सीन कर सकती हैं। इनकी मजबूरी और हौंसले को इस बात से आंका जा सकता है कि CID फिल्म के एक सीन के लिए इन्होंने पहली मंजिल से छलांग लगा दी थी। वो भी तब जब ये 5 महीने की प्रेग्नेंट थीं। दिलचस्प बात ये है कि खुद रेशमा का चेहरा कभी बड़े पर्दे पर नहीं दिखा, लेकिन उनकी जिंदगी पर एक फिल्म बन चुकी है।

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *