ये कैप्सूल 40,000 किमी/घंटा (25,000 मील प्रति घंटे) – या ध्वनि की गति से 32 गुना अधिक की रफ्तार से धरती पर पहुंचा. लिहाज़ा इसकी रफ्तार को कम करने के लिए पानी में गिरने से ठीक पहले पैराशूट खुल गए और ये सुरक्षित नीचे आ गया.
ये कैप्सूल 40,000 किमी/घंटा (25,000 मील प्रति घंटे) – या ध्वनि की गति से 32 गुना अधिक की रफ्तार से धरती पर पहुंचा. लिहाज़ा इसकी रफ्तार को कम करने के लिए पानी में गिरने से ठीक पहले पैराशूट खुल गए और ये सुरक्षित नीचे आ गया.