1992 दंगा मामला: मुंबई पुलिस ने जाल बिछाकर वॉन्टेड आरोपी को मलाड से धर दबोचा


मुंबई. मुंबई पुलिस ने 1992 के दंगों के एक मामले में वांछित 47 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि तकनीकी सूचना के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार को जाल बिछाया एवं पश्चिम उपनगरीय क्षेत्र मलाड में डिंडोशी बस डिपो से आरोपी को धर दबोचा. उन्होंने बताया कि 1992 में डिंडोशी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में जो दंगा हुआ था, आरोपी उसी के एक मामले में वांछित है.

अधिकारी के अनुसार पुलिस ने उस समय दर्ज की गयी प्राथमिकी में नौ आरोपियों को नामजद किया था और आरोपपत्र दाखिल किया था. उनके अनुसार उनमें दो आरोपी बरी हो गये थे, जबकि एक की मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि बाकी छह अदालत में पेश नहीं हुए थे और उन्हें फरार घोषित कर दिया गया था एवं 2004 में उनके विरुद्ध वारंट जारी किया गया था.

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी पिछले 18 सालों में अपनी पहचान बदलकर इस उपनगरीय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर रह रहा था. उनके अनुसार मामले की जांच चल रही है.

गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस की खबर फैलने के ठीक बाद मुंबई के कुछ इलाकों में दंगे शुरू हो गए थे. जांच के लिए बनाई गई श्रीकृष्ण कमीशन की रिपोर्ट की मानें, तो बाबरी विध्वंस के बाद दिसंबर 1992 और फिर जनवरी 1993 के दो महीनों के दौरान दंगों में लगभग 900 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. रिपोर्ट के मुताबिक मारे जाने वालों में 575 मुस्लिम, 275 हिंदू , 45 अज्ञात और पांच अन्य व्यक्ति शामिल थे.

रिपोर्ट यह भी बताती है कि तत्कालीन सुधाकर नाइक की कांग्रेस सरकार दंगों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई और अंत में सेना को मोर्चा संभालना पड़ा था. श्रीकृष्ण कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार दंगों के लिए 31 पुलिसकर्मियों सहित कुछ नेताओं के भड़काऊ भाषणों को जिम्मेदार ठहराया गया था.

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