साइबर अपराध को रोकने के लिए एक्शन में मोदी सरकार, जानें गृह मंत्रालय की पुलिस चौकी स्तर तक की तैयारी


नई दिल्ली. केंद्र सरकार साइबर क्राइम (Cyber Crime) से निपटने लिए अब एक्शन में आ गई है. पिछले कुछ दिनों से गृह मंत्रालय (MHA) साइबर अपराधों से निपटने और साइबर हमलों को रोकने के लिए कई फैसले लिए हैं. केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने बुधवार को चौथे राष्ट्रीय युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और पुलिस एक्सपो के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कई घोषनाएं की. राय ने कहा है कि अब देश के सभी 16,347 पुलिस थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) लागू किया गया है और 99 प्रतिशत थानों में 100 प्रतिशत एफआईआर सीधे सीसीटीएनएस में दर्ज की जा रही है. इसके अलावा साइबर क्राइम से निपटने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने का काम पुलिस चौकी स्तर तक पूरा हो चुका है, जबकि साइबर क्राइम के खिलाफ एनालिटिकल टूल बनाने का काम भी 40 फीसदी तक पूरा हो चुका है.

नित्यानंद राय ने कहा है कि बीपीआरएंडडी अपनी स्थापना के समय से उत्तम कार्यप्रणालियों और मानकों के प्रोत्साहन द्वारा हर उस क्षेत्र के विकास में शामिल रहा है, जहां देश की पुलिस की क्षमता निर्माण, प्रशासनिक एवं सुधारात्मक सुधार, आधुनिकीकरण और उन्नयन की आवश्यकता है. बीपीआरएंडडी ने राष्ट्र की सेवा में 52 साल की लंबी यात्रा पूरी की है और ब्यूरो देशभर में शांति, सद्भाव सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा भारतीय पुलिस के हर कदम का मार्गदर्शन एवं संवर्धन करने के लिए अनुकरणीय कार्य कर रहा है.

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साइबर एक्सपर्ट का काम ख़ासतौर पर कंपनी की फाइलों को किसी भी तरह की हैकिंग से बचाना होता है.

साइबर क्राइम को लेकर क्या है MHA की तैयारी
राय ने कहा कि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियां दो मोर्चों पर परिवर्तन देख रही हैं, पहला, दिन-प्रतिदिन नई आपराधिक चुनौतियों को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना, अपराध पैटर्न की बेहतर पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि का उपयोग करना, और दूसरा, तेजी से बदलते अपराध पैटर्न और उनके तौर-तरीके को समझना और कड़ी कार्यवाही करना. अपराधी इस तकनीकी क्रांति का अधिक तेजी से दुरूपयोग करके हमारे सामने गंभीर खतरों और चुनौतियों को खड़ा कर रहे हैं, जिन पर हमें तत्काल ध्यान देने और नागरिकों और बुनियादी ढांचों की रक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हमेशा विरोधियों से आगे रहने की आवश्यकता है.

कितने प्रकार के साइबर हमले भारत में होते हैं? 

राय ने कहा कि साइबर हमले, रैंसम-वेयर हमले, पहचान उजागर होना और बुनियादी ढांचों का प्रभावित होना आदि साइबर सुरक्षा डोमेन में होने वाले अपराध पैटर्न की कुछ प्रमुख श्रेणियां हैं. गृह राज्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध और साइबर हमले आम लोगों के जीवन पर व्यापक प्रभाव छोड़ते हैं. इसके अलावा समुदायों के बीच अशांति और अविश्वास पैदा करने, नफरत फैलाने, साइबर फ्रॉड करने, नकली और मनगढ़ंत खबरें फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जा रहा है. साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की है. इस समन्वय केंद्र के सात घटक हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण घटक राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान एवं नवाचार केंद्र BPR&D में स्थित है.

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सरकार ने एक डेडिकेटेड टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर-1930 की शुरुआत की है. (सांकेतिक फोटो)

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ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी में पैसा गंवाने वाले आम नागरिकों को त्वरित और समय पर सहायता प्रदान करने के लिए, सरकार ने एक डेडिकेटेड टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर-1930 की शुरुआत की है और इसके लिए एक पोर्टल भी है जहां लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. इसके साथ ही आंतरिक सुरक्षा, सीमा सुरक्षा और दूरदराज के इलाकों में सुरक्षा को मजबूत करने की बात करते हैं तो ड्रोन लड़ाकू अभियानों, निगरानी, दूरदराज के इलाकों में संचार आदि में उपयोगी हो सकते हैं.

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