कड़ाके की सर्दी में हमारे खाने की हैबिट बदल जाती है. हमारा मन भी हरी सब्जियां और लो फैट डाइड पसंद नहीं करता है. इस दौरान मलाई, हैवी फैट वाली चीजें, चॉकलेट, चिप्स, पैस्ट्री और नॉनवेज लोगों को खूब भाता है. इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है. यह सही है कि ऐसी चीजों को खाने से फिटनेस पर थोड़ा असर जरूर पड़ेगा. यह भी हो सकता है कि इससे आपका वजन थोड़ा बढ़ जाए. लेकिन, ऐसी चीजें ठीक-ठाक मात्रा में खाइए, क्योंकि सर्दी के मौसम में बॉडी को इसकी बहुत जरूरत होती है.
सच्चाई यह है कि फैट हमारी बॉडी के लिए बहुत जरूरी चीज है. खासकर सर्दी के मौसम में यह बहुत फायदेमंद है. अगर बॉडी में फैट की मात्रा कम है, खासकर सर्दी के मौसम में तो आपको कई तरह की समस्या हो सकती है. फैट की कमी की वजह से थकान, अत्याधिक सर्दी, खराब पाचन और कब्ज जैसी समस्या हो सकती है. दुनिया के जानेमाने न्यूट्रिनिस्ट भी यही राय देते हैं.
बॉडी टेंपरेचर बनाए रखने लिए जरूरी है फैट
दरअसल, बॉडी में एक्सेस फैट की जरूरत पर चर्चा हम कुछ मिनट के लिए विज्ञान से इतर मानव सभ्यता से जोड़कर देखते हैं. यह हमें हमारे पूर्वजों से मिला है. जब हमारे पूर्वज शिकार करते थे तब उनके पास सर्दी के मौसम में खाने के लिए बहुत कम चीजें होती थीं. ऐसे में वे लोग सर्दी शुरू होने से पहले अपने लिए ऊर्जा स्टोर कर लेते थे. इस बारे में तमाम तरह की स्टडी भी हुई है. वेबसाइट natruly.com पर छपे एक ब्लॉग में निकलास गस्टाफ्शन (Niklas Gustafson) बताते हैं कि फैट बॉडी को उचित तापमान बनाए रखने में हेल्प करता है. वह कहते हैं कि बॉडी में फैट की जरूरत कुछ उसी तरह है जिस तरह सर्दी में एक अतिरिक्त जैकेट की पड़ती है.
गस्टाफ्शन के मुताबिक सर्दी के मौसम में शरीर अपने अंदर गर्मी पैदा करने के लिए अधिक ऊर्जा की खपत करता है. साइंस की भाषा में इस प्रक्रिया को समझें तो हमारे बॉडी में खास तरह के सेल्स होते हैं जिन्हें एडिपोसाइट्स (Adipocytes) कहा जाता है. ये सेल्स फैटी टिशू बनाते हैं. ये फैटी टिशू दो तरह के होते हैं- पहला व्हाइट और दूसरा ब्राउन एडिपोसाइट्स. व्हाइट एडिपोसाइट्स, बॉडी में मौजूद कैलोरी यानी ऊर्जा होता है, जबकि ब्राउन एडिपोसाइट्स फैट होता है. इसका काम बॉडी के टेंपरेचर को बनाए रखना है. उम्र बढ़ने के साथ हमारी बॉडी में ब्राउन एडिपोसाइट्स कम होने लगता है.
दिन छोटा और लंबी रातें भी जिम्मेदार
दिन छोटा होना और रोशनी कम मिलना भी बॉडी में फैट की जरूरत बढ़ा देता है. रातें लंबी होती है और इंसान सर्दी के मौसम में अपेक्षाकृत ज्यादा सोता है. इस कारण हमारी बॉडी को मेलाटोनिन (melatonin) का प्रोडक्शन बढ़ाना पड़ता है. इसी हमारी नींद की साइकिल मेंटेट होती है. ज्यादा सोने की वजह से बॉडी का टेंपरेचर कम होने लगता है और इसी टेंपरेचर को मेंटेन करने के लिए सर्दी के मौसम में हमें अतिरिक्त फैट की जरूरत पड़ती है.
यह सही है कि सर्दी के मौसम में ज्यादा फैटी चीजें खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन आपको फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए. इस दौरान भी कुछ खास किस्म के फैट से बचना ही चाहिए. आपको हमेशा गुड फैट यानी अनसैचुरेटेड फैट का चुनाव करना होगा. ये फैट- हरी सब्जियों और मछली में अच्छा मात्रा में पाई जाता है. इसके अलावा ओलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल, एवोकोडा, फ्लैक्स सीड्स, नट्स, पीनट्स और बटर खाने से भी बॉडी के अंदर गर्माहट आती है. इससे बाहरी सर्दी के दौरान भी हमारी बॉडी अच्छी तरह काम करती है.
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Tags: Fatness, Health tips
FIRST PUBLISHED : January 17, 2023, 18:47 IST