सद्गुरु, आर्ट ऑफ लिविंग और TISS: IAS अधिकारियों के लिए नया स्किल प्रोग्राम लाई है मोदी सरकार


नई दिल्ली: दिप्रिंट की मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने ‘मिशन कर्मयोगी’ पहल के तहत व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास के लिए विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े सिविल सर्वेंट्स (लोक सेवकों) को कॉर्पोरेट क्षेत्र में भेजना शुरू कर दिया है.

मिशन में शामिल एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, इस मिशन के तहत सरकार के कामकाज को ‘मजबूत तथा और अधिक विकसित’ बनाने के उद्देश्य से नौकरशाही और कॉरपोरेट्स के बीच ‘समग्र बातचीत और पारस्परिक व्यव्हार पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

सिविल सर्वेन्ट्स को निजी कंपनियों में भेजने के अलावा, सरकार आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन और योग गुरु सद्गुरु द्वारा पेश किए जाने वाले प्रेरक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज सहित निजी संस्थानों द्वारा चलाये जाने वाले कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी व्यवस्था कर रही है.

रक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारीयों के लिए सरकार ने प्रोत्साहन और तनाव प्रबंधन कार्यक्रम भी शुरू किए हैं. पाठ्यक्रमों में विभिन्न विषय शामिल हैं, जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्लाउड कम्यूटिंग से लेकर मेटावर्स और ग्लोबल कंप्यूटिंग से निपटने तक के लिए जरुरी विषय.

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, ‘इस तरह के निजी क्षेत्र के प्रशिक्षण या इंटर्नशिप को पहली बार नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा आजमाया गया था. फिर इसकी सफलता को देखते हुए, अन्य मंत्रालयों, मुख्य रूप से बाजारों और कॉरपोरेट्स से सीधे तौर पर जुड़े हुए वाले मंत्रालयों ने भी इन कार्यक्रमों को आजमाया. ये समग्र प्रकृति वाले हैं. मंत्रालयों और अधिकारियों के लिए इन कार्यक्रमों को चुनना उनकी आवश्यकता पर निर्भर करता है.’

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