वक्फ़ बोर्ड संपत्ति का डेटा ज़मीन पर अतिक्रमण करने के झूठे दावे के साथ शेयर


खुद को ‘न्यूज़ जंकी’ और ‘पर्यवेक्ष और विश्लेषक’ बतानेवाले ट्विटर यूज़र अंशुल सक्सेना ने 13 सितंबर को एक डेटा सेट ट्वीट किया. उन्होंने भारत में वक्फ़ संपत्ति का डेटा ट्वीट करते हुए लिखा: “जनवरी 2020 तक भारत भर में 6.1 लाख वक्फ़ संपत्ति की सूचना दी गई. साथ ही वक्फ़ बोर्ड द्वारा पूरे भारत में कई संपत्ति पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया गया है. यहां जनवरी 2020 तक का डिटेल दिया गया है.”

अंशुल सक्सेना ने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया. लेकिन पाठक इस ट्वीट का आर्काइव यहां देख सकते हैं.


23 अक्टूबर, 2008 को राज्य सभा में पेश की गई वक्फ़ पर संयुक्त संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट के मुताबिक, “इस्लाम में एक धार्मिक दान करने का रिवाज है जिसमें या तो एक इमारत या कोई ज़मीन का टुकड़ा मुस्लिम धार्मिक, धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए या मुसलमान गरीबों और ज़रूरतमंदों के कल्याण के लिए समर्पित किया जाता है.”

अंशुल सक्सेना ने डेटा में दाई ओर के सबसे आखिरी कॉलम में वक्फ़ बोर्ड द्वारा दान में दी गई संपत्ति को ‘अतिक्रमण’ बताया. इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 6,200 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया था. वहीं इसे डिलीट किये जाने से पहले 12 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिले थे.

इस इन्फ़ोग्राफ़िक को ट्वीट करते हुए अश्विनी उपाध्याय (@AshwiniUpadhyay) ने लिखा: “2020 में वक्फ़ बोर्ड 6.1 लाख संपत्तियों का मालिक था और लगभग 2 लाख संपत्तियों पर अवैध कब्ज़ा भी कर रखा है”. ट्वीट करते हुए अश्विनी उपाध्याय नेभारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, स्मृति ईरानी ​​और योगी आदित्यनाथ, हिमंत बिस्वा शर्मा, जेपी नड्डा और बी एल संतोष को टैग किया है. (आर्काइव्ड लिंक)

कई और यूज़र्स ने भी ऐसा ही दावा किया हैं. (लिंक 1, लिंक 2 और लिंक 3)

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ऑल्ट न्यूज़ को एक शख्स ने ई-मेल करते हुए इस दावे की सच्चाई दिखाने के लिए रिक्वेस्ट भेजी है.

फ़ैक्ट-चेक

अंशुल सक्सेना ने ग्राफ़िक शेयर किया उसे रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को 8 फ़रवरी, 2020 की ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की रिपोर्ट मिली. इस आर्टिकल में ये डेटा टेबल शेयर किया गया है. इस रिपोर्ट की हेडलाइन है, “भारत भर में 6.1 लाख वक्फ़ संपत्तियां, ज़्यादातर यूपी, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के दिसंबर, 2019 के आंकड़ों से पता चलता है कि 6.1 लाख संपत्ति में से लगभग 3% का अतिक्रमण किया गया है.”


इस रिपोर्ट में ये भी ज़िक्र किया गया है कि ये अतिक्रमण व्यक्तियों और संगठनों दोनों द्वारा किए गए हैं, “ज़्यादातर अतिक्रमण पंजाब (5,610) में बताए गए हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश (3,240) और पश्चिम बंगाल में (3,082) हैं. तमिलनाडु और कर्नाटक से क्रमशः 1,335 और 862 अतिक्रमणों की सूचना मिली है.

इसके बाद, की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें द न्यू इंडियन एक्सप्रेस और डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट्स मिलीं. इनमें देश भर में वक्फ़ बोर्ड की संपत्ति के बड़े पैमाने पर अतिक्रमण के बारे में बताया गया है. तारीख 14 दिसंबर 2018 को बताया गया है, “अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा कि 20 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ़ संपत्ति का अतिक्रमण किया गया था.”

21 नवंबर 2019 को पब्लिश एक लेटर में लिखा है, “भाजपा सांसद अजय निषाद के सवाल पर लिखित जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लोकसभा को बताया कि देश में वक्फ़ बोर्ड का कुल 16,937 संपत्ति पर कब्जा था जिसमें 5,610 मामले पंजाब से हैं.”

ऑल्ट न्यूज़ को केंद्र सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी एक डॉक्यूमेंट भी मिला. इस डॉक्यूमेंट में केंद्रीय वक्फ़ परिषद की 76वीं बैठक में पूर्व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा दिया गया एक संबोधन शामिल है. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था, “… पिछले तीन सालों के दौरान वक्फ़ संपत्ति पर अतिक्रमण के संबंध में दो हज़ार से ज़्यादा आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.”

इनमें से किसी भी रिपोर्ट, डॉक्यूमेंट या प्रेस रिलीज़ में वक्फ़ बोर्ड्स द्वारा किसी भी अन्य पार्टी की ज़मीन/संपत्ति पर अतिक्रमण का कोई भी उदाहरण मौजूद नहीं है.

कुल मिलाकर, यहां साफ हो जाता है कि शेयर किये जा रहे ग्राफ़िक में ‘अतिक्रमण’ कॉलम के जो आंकड़े हैं वो वक्फ़ बोर्ड की ऐसी संपत्ति की संख्या है जिसपर दूसरों ने अतिक्रमण किया है न कि वक्फ़ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण करने के. ट्वीट में जो दावा किया जा रहा है, सच्चाई उसके ठीक उलट है.

गौर करें कि अंशुल सक्सेना ने पहले भी कई बार ग़लत जानकारी शेयर की है. अंशुल सक्सेना द्वारा शेयर की गई ग़लत जानकारियों के बारे में ऑल्ट न्यूज़ ने कई आर्टिकल्स पब्लिश किये हैं. (लिंक 1, लिंक 2 और लिंक 3).

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