लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बन पा रहे हैं पिता, तो ये टेस्‍ट जरूर करवा लें

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जब भी कंसीव करने की बात आती है, तो बस महिलाओं की फर्टिलिटी और सेहत की बात होती है जबकि पुरुष की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति भी उतनी ही मायने रखती है, जितनी की महिला की होती है। यदि कोई पुरुष पिता नहीं बन पा रहा है और उसकी फीमेल पार्टनर की सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल हैं, तो इस स्थिति में पुरुष के कुछ टेस्‍ट करवाए जाते हैं, जिससे पता चल पाता है कि पुरुष में इनफर्टिलिटी का क्‍या कारण है।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि पुरुषों में इनफर्टिलिटी का पता लगाने के लिए कौन-से टेस्‍ट किए जाते हैं।

मेडिकल हिस्ट्री

मेडिकल हिस्ट्री

mayoclinic के अनुसार पुरुष की फिजिकल एग्‍जामिनेशन और मेडिकल हिस्‍ट्री का पता लगाया जाता है। इसमें यौन अंगों की जांच के साथ अनुवांशिक बीमारियों, दीर्घकालिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं, बीमारियों, फर्टिलिटी को प्रभावित करने वाली कुछ चोटों या सर्जरियों के बारे में पूछा जाता है। डॉक्‍टर यौन आदतों और प्‍यूबर्टी की उम्र में यौन विकास के बारे में भी पूछ सकते हैं।

पुरुषों में इनफर्टिलिटी का कैसे कराएं इलाज

Father’s Day Male Infertility; पुरुषों में इनफर्टिलिटी का कैसे कराएं इलाज, डॉक्टर से जाने

सीमन एनालिसिस

सीमन एनालिसिस

अलग-अलग तरीकों से सीमन का सैंपल लिया जाता है। डॉक्‍टर के क्‍लीनिंग में ही सीमन का सैंपल लिया जा सकता है। इसके बाद सीमन में स्‍पर्म काउंट और उसकी शेप या गतिशीलता में किसी तरह की असामान्‍यता का पता लगाने के लिए, सीमन को लैब में भेजा जाता है। लैब में सीमन के अंदर इंफेक्‍शन जैसी समस्‍याओं की जांच की जाती है।

स्‍क्रॉटल अल्‍ट्रासाउंड

स्‍क्रॉटल अल्‍ट्रासाउंड

इसमें शरीर के अंदर की तस्‍वीरें लेने के लिए हाई-फ्रीक्‍वेंसी साउंड वेव्‍स का इस्‍तेमाल किया जाता है। स्‍क्रॉटल अल्‍ट्रासाउंड से डॉक्‍टर देखते हैं कि अंडकोषों और इसकी सहायक संरचनाओं में कोई समस्‍या या वेरिकोसेल तो नहीं है। इसके अलावा पुरुषों में इनफर्टिलिटी का पता लगाने के लिए ट्रांसरेक्‍टल अल्‍ट्रासाउंड भी किया जाता है। इसमें गुदा के अंदर एक छोटा ल्‍यूब्रिकेटिड वांड डाला जाता है। इससे डॉक्‍टर प्रोस्‍टेट की जांच करते हैं और सीमन ले जानी वाली नलियों में ब्‍लॉकेज चेक करते हैं।

हार्मान टेस्टिंग

हार्मान टेस्टिंग

पिट्यूटरी ग्‍लैंड, हाइपोथैलेमस द्वारा हार्मोंस बनाए जाते हैं और अंडकोष यौन विकास और स्‍पर्म के उत्‍पादन में अहम भूमिका निभाते हैं। कोई अन्‍य असामानता या ऑर्गन सिस्‍टम में कोई दिक्‍कत होने की वजह से भी इनफर्टिलिटी हो सकती है। ब्‍लड टेस्‍ट से टेस्‍टोस्‍टेरोन और अन्‍य हार्मोंस के लेवल की जांच की जाती है। इसके अलावा पोस्‍ट इजैकुलेशन यूरीनालिसिस किया जाता है।

जेनेटिक टेस्‍ट

जेनेटिक टेस्‍ट

जब स्‍पर्म की मात्रा बहुत कम होती है, जो इसका कारण जेनेटिक हो सकता है। वाई क्रोमोजोम में किसी भी तरह के बदलाव का पता लगाने के लिए ब्‍लड टेस्‍ट किया जाता है। जन्‍मजात या अनुवांशिक सिंड्रोम का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्टिंग की जा सकती है। इसके अलावा स्‍पेशलाइज्‍ड स्‍पर्म फंक्‍शन टेस्‍ट होते हैं जिसमें इजैकुलेशन के बाद स्‍पर्म के एक्टिव रहने का पता लगाने के लिए कई टेस्‍ट किए जाते हैं।
टेस्‍ट के रिजल्‍ट के आधार पर ही डॉक्‍टर पुरुषों में इनफर्टिलिटी की आगे की ट्रीटमेंट निर्धारित करते हैं।

फोटो साभार : pexels

Reference :
https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/male-infertility/diagnosis-treatment/drc-20374780

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