यूपी सरकार ने सीजेआई के बेटे की सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील के तौर पर नियुक्ति टाली


बीते सप्ताह भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित के बेटे श्रीयश ललित को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए नियुक्त चार वरिष्ठ वकीलों के पैनल में शामिल किया था, लेकिन अब नवीनतम आदेश में उनकी नियुक्ति को अगले आदेश तक टालने की बात कही गई है.

श्रीयश यू. ललित. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित के बेटे श्रीयश ललित की सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील के तौर पर नियुक्ति टाल दी. इस संबंध में पांच दिन पहले ही योगी सरकार ने उनका नियुक्ति आदेश जारी किया था.

योगी आदित्यनाथ सरकार के नवीनतम आदेश में कहा गया है कि शीर्ष अदालत में अपने वरिष्ठ वकील के तौर पर श्रीयश की नियुक्ति को अगले आदेश तक रोका जाता है. श्रीयश के साथ ही अन्य वकीलों, निधि गोयल और नमित सक्सेना की नियुक्ति भी टाल दी गई है. इसके पीछे का कोई कारण नहीं बताया गया है.

21 सितंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत में श्रीयश समेत चार वकीलों की नियुक्ति की थी.

योगी सरकार में विशेष सचिव निकुंज मित्तल की ओर से अधिसूचना जारी कर इसकी सूचना दी गई थी.

गौरतलब है कि पूर्व सीजेआई एनवी रमना की सेवानिवृत्ति के बाद हाल ही में जस्टिस यूयू ललित ने सीजेआई के तौर पर पद संभाला है. वे इस पद पर केवल 74 दिन रहेंगे और आठ नवंबर को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे.

बता दें कि यूयू ललित के परिवार की चार पीढ़ियां न्यायपालिका से जुड़ी हुई हैं. श्रीयश की पत्नी भी वकील हैं.

यूयू ललित के दादा उमेश रंगनाथ ललित सोलापुर में वकील थे, जो स्वतंत्रता पूर्व वहां काम करते थे. सीजेआई के पिता उमेश ललित भी पेशे से वकील रह चुके हैं. बाद में उनके पिता ने हाईकोर्ट जज के रूप में भी काम किया था.

सीजेआई के दो बेटे हैं, जिनमें बडे़ बेटे श्रीयश यूपी सरकार की ओर से वकील नियुक्त किए गए हैं. वहीं, उनके छोटे बेटे हर्षद अमेरिका में शोध क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.





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