यूक्रेन संघर्ष ने खाद्य पदार्थ और ऊर्जा संबंधी मुद्रास्फीति को बढ़ाया: जयशंकर

[ad_1]

Ukraine army

प्रतिरूप फोटो

Google Creative Commons

जयशंकर ने कहा, ‘हम अपने गांवों को डिजिटल बनाने और चांद पर पहुंचने का सपना देखते हैं। संभवत: इसका डिजिटलीकरण कर भी कर रहे हैं। हमारा विश्वास है कि भारत का विकास बाकी दुनिया से जुड़ा हुआ है, जिसे अलग नहीं किया जा सकता।’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन में संघर्ष ने खाद्य पदार्थों और ऊर्जा से जुड़ी मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया है तथा इसे इस समय की सबसे बड़ी चुनौती बना दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में अफगानिस्तान, म्यांमा, श्रीलंका, यमन और कई अन्य देशों को अनुदान देने समेत खाद्यान्न की आपूर्ति करके अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

जयशंकर ने यहां एक विशेष ‘इंडिया@75 शोकेसिंग इंडिया-यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन कार्यक्रम में संबोधन के दौरान कहा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक खुद को एक विकसित देश के रूप में देखता है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हम अपने गांवों को डिजिटल बनाने और चांद पर पहुंचने का सपना देखते हैं। संभवत: इसका डिजिटलीकरण कर भी कर रहे हैं। हमारा विश्वास है कि भारत का विकास बाकी दुनिया से जुड़ा हुआ है, जिसे अलग नहीं किया जा सकता।’’

इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी, संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद, मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद और यूएनडीपी प्रशासक अचिम स्टेनर सहित संयुक्त राष्ट्र के गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
जयशंकर ने कहा कि भारत का मानना ​​है कि विकास सार्वजनिक हित है और ‘ओपन सोर्सिंग’ आगे बढ़ने की सबसे अच्छी राह है।
विदेश मंत्री ने फिर दोहराया कि भारत धरती का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी को मजबूत करने के वास्ते प्रतिबद्ध और तैयार है।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



अन्य न्यूज़



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *