मेथी का पानी, डायट काउंसलिंग, सुबह 4 बजे दौड़- इस तरह फिट बन रहे हैं NDRF कर्मी


नई दिल्ली: गर्म पानी में मेथी के बीज और जीरे का काढ़ा, चम्मच भर अलसी का बीज, पौधों पर आधारित ‘हर्बल वेट लॉस’ ड्रिंक्स, बिना कार्ब की ख़ुराक, शराब का सेवन बंद, और तड़के 4 बजे की दौड़- ये कुछ तरीक़े हैं जो राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) कर्मी, अपना फालतू वज़न घटाने और फिट बनने के लिए अपना रहे हैं.

ये अभ्यास अधिकारियों के लिए एक तरह का स्वस्थ मुक़ाबला बन गया है. कुछ ने तो सिर्फ 40 दिनों के अंदर 11 किग्रा. तक घटा लिया है, जबकि दूसरों ने 7-8 किग्रा. तक कम किया है, और अन्य लोग जिनकी प्रगति थोड़ी धीमी रही है, वो जल्दी से अपने लक्ष्यों तक पहुंचना चाहते हैं. एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा है कि इसमें संघर्ष तो ज़रूर है, लेकिन उससे ‘फायदा’ है.

सब प्रयास एक फिटनेस ड्राइव का हिस्सा हैं जिसका मक़सद सभी 12 बटालियनों के 14,000 एनडीआरएफ कर्मियों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) घटाकर 25 से नीचे लाना है. अधिकतर वयस्कों के लिए आदर्श बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच होता है.

दिप्रिंट को पता चला है कि फिलहाल, बल में 30 प्रतिशत से अधिक कर्मियों का- जो अक्सर कठिन क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में बचाव कार्य करते हैं- वज़न ज़्यादा है.

एनडीआरएफ महानिदेशक अतुल करवाल, जो अपने सभी कर्मियों के वज़न पर नज़दीकी निगाह रखे हैं, और जिन्होंने हर कर्मी की प्रगति रिपोर्ट को डिजिटाइज़ किया हुआ है, उन्होंने दिप्रिंट से कहा: ‘एनडीआरएफ कर्मी बचाव कार्यों में शामिल होते हैं, जहां उन्हें भारी मशीनें चलानी पड़ती हैं, और लंबे घंटों तक काम करना होता है, इसलिए हमें लगा कि उनमें कड़ी फिटनेस और ताक़त चाहिए होती है. लेकिन ये एक ऐसा पहलू है जिसपर तवज्जो नहीं दी जाती’.

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