भारत से फ्रांस तक सेलेब्स ईरानी महिलाओं के साथ: ईरान में एंटी हिजाब प्रोटेस्ट के पक्ष में प्रियंका चोपड़ा, एंजेलीना जोली भी ईरानी महिलाओं के साथ


23 मिनट पहले

ईरान में चल रहे एंटी हिजाब प्रोटेस्ट की लहर दुनियाभर में फैल रही है। ईरानी महिलाओं को हॉलीवुड, बॉलीवुड के अलावा दुनिया की दूसरी फिल्म इंडस्ट्रीज से भी खासा सपोर्ट मिल रहा है। एंजेलीना जोली से लेकर प्रियंका चोपड़ा जैसी एक्ट्रेसेस ने हिजाब के खिलाफ ईरानी महिलाओं का पक्ष लिया है। प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि जो आवाजें चुप थी वो आने वाले समय में ज्वालामुखी की तरह फटेंगी। साथ ही उन्होंने ईरानी महिलाओं की हिम्मत और जज्बे की तारीफ भी की है। हालांकि, प्रियंका के अलावा भी दुनियाभर की हस्तियां मुहिम में महिलाओं के साथ खड़ी नजर आई हैं।

इन औरतों की बहादुरी को सलाम – एंजेलीना जोली

हॉलीवुड एक्ट्रेस एंजलीना जोली ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर ईरानियन महिलाओं का सपोर्ट किया है। एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर प्रोटेस्ट की फोटोज साझा करते हुए लिखा- ईरान की बहादुर महिलाओं के लिए रिस्पेक्ट है, जो सालों से चल रही दकियानूसी सोच के खिलाफ लड़ने के लिए सड़क पर उतरी हैं। मैं महसा अमीनी और इरानियन महिलाओं इज्जत करती हूं। महिलाओं पर दबाव डालने, उन्हें कंट्रोल करने या गलत सिखाने की कोई जरूरत नहीं हैं। उन्हें भी आजादी के साथ जीने और खुली हवा में सांस लेने का अधिकार है।

हमें इन महिलाओं के साथ खड़ा होना चाहिए – असगर फरहादी
ईरानियन और ऑस्कर विनर फिल्ममेकर असगर फरहादी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर देश और दुनिया के सभी लोगों से रिक्वेस्ट की वो इस मुहिम में एकजुटता के साथ ईरानियन महिलाओं के साथ खड़े रहें। असगर ने अपने वीडियो में देश और दुनिया के सभी लोगों से एकजुट रहने की अपील की है।

ईरानी महिलाओं के जज्बे को सलाम – प्रियंका चोपड़ा एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने भी ईरानियन महिलाओं के जज्बे को सलाम करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा- महसा अमिनी नाम की एक यंग लड़की थी, जिसको ईरान की मॉरैलिटी पुलिस ने सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि उसने सही ढंग से हिजाब नहीं पहना था। आज उस निर्दोष लड़की के सपोर्ट में ईरान समेत पूरी दुनिया भर की महिलाएं अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं, सार्वजनिक रूप से अपने बाल काट रही हैं साथ ही साथ और भी कई तरीकों से विरोध कर रही हैं। आज तक जो आवाजें चुप थी वो आने वाले समय में भी ज्वालामुखी की तरह फटेगी। मैं आपके हिम्मत और जज्बे की तारीफ करती हूं,अपनी लाइफ को रिस्क में डालना आसान काम नहीं है। आप हिम्मती महिलाएं हैं जो हर दिन मौत से लड़ रहीं हैं।’

आप खुद को नारीवादी कैसे कह सकते हैं – गोल्शिफटेह फरहानी
ईरानियन एक्ट्रेस गोल्शिफटेह फरहानी ने सोशल मीडिया पर प्रोटेस्ट कर रही महिलाओं का समर्थन किया है। एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर लिखा- आप खुद को नारीवादी कैसे कह सकते हैं? आप कैसे पुरुषों और महिलाओं के लिए समान अधिकार की मांग कर सकते हैं? आप कैसे मी टू का सपोर्ट कर सकते हैं, अगर आप महसा आमिनी के लिए नहीं खड़े होते हैं। बता दें कि गोल्शिफटेह फरहानी एक ईरानी एक्ट्रेस हैं, जिन्हें फ्रांसीसी फिल्मों में बिना सिर ढंके काम करने के कारण ईरान छोड़ना पड़ा था।

फ्रांसीसी एक्ट्रेसेस ने काटे बाल
प्रोटेस्ट के समर्थन में कई ऑस्कर विनर एक्ट्रेसेस खुलकर ईरानी सरकार विरोध जताती नजर आईं। कई एक्ट्रेसेस ने विरोध में अपने बाल काट दिए और बाल काटने के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर विरोध जताया। फ्रांसीसी एक्ट्रेस बिनोशे ने अपने बाल काटते हुए कैप्शन में लिखा- आजादी के लिए।’ बिनोशे के अलावा कोटीलार्ड और अन्य महिला एक्ट्रेसेस ने हेयर फॉर फ्रीडम के साथ यह वीडियो शेयर किया है।
एक तरफ जहां देश और दुनिया की हस्तियां इस आंदोलन के समर्थन में खड़ी हैं, वहीं दूसरी तरफ आंदोलन उग्र हो रहा है।

क्या है मामला?
दरअसल, ईरान की मोरैलिटी पुलिस ने महसा अमिनी को सही तरीके से हिजाब ना पहनने की वजह से अरेस्ट कर लिया था जिसके बाद पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई। ईरान में पुलिस की इस यूनिट का काम गलत पहनावे के नियमों को सख्ती से लागू करना है। पुलिस का कहना था कि महसा की मौत तबियत बिगड़ने की वजह से हुई है। वहीं लोगों की मानें तो महसा की मौत तबियत बिगड़ने से नहीं बल्कि पुलिस के पीटने की वजह से हुई है।

ईरान के कानून के मुताबिक, सभी युवा महिलाओं के लिए पब्लिक प्लेस पर सर ढंकना और ढीले कपड़े पहनना अनिवार्य है। हालांकि, कानून के तहत इसकी उम्र तय नहीं की गई है। स्कूलों में आमतौर पर 7 साल से ज्यादा उम्र की बच्चियों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है। ईरान के सामाजिक नियमों में से ज्यादातर इस्लाम के शरिया कानून पर आधारित हैं। इनके तहत सिर्फ महिलाओं को ही नहीं पुरुषों को भी सादगी से रहना होता है। हालांकि, पुलिस के निशाने पर महिलाएं ही होती हैं। यही वजह थी की महसा अमिनी को पुलिस हिरासत मौत हो गई। इस मामले के बाद ईरान की महिलाएं सरकर और पुलिस के विरोध में उतर आईं। धीरे-धीरे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें अब तक कई महिलाओं की जान जा चुकी है।

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