भारत के इन 6 मंदिरों तक भक्तों के लिए पहुंच पाना होता है मुश्किल, रास्ते में ही लोगों के बोल जाते हैं पैर


इंसान अगर ठान ले तो उसे अपने लक्ष्य से कोई नहीं रोक सकता, बस व्यक्ति को वहां तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम से गुजरना पड़ता है, बीच में आईं हर मुश्किल से लड़ना पड़ता है, तब जाकर उसे अपनी मंजिल मिलती है। आप भी सोच रहे होंगे, हम ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं, तो बता दें आज कुछ ऐसी धार्मिक जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां भक्तों के लिए पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है।
कुछ यात्री पहुंचते-पहुंचते बीच रास्ते में ही घोड़े-खच्चर कर लेते हैं, तो किसी के चढ़ते-चढ़ते पैर बोल जाते हैं। भारत की ये कुछ ऐसी जगह हैं, जहां यात्रियों के लिए यात्रा को पूरा करना पाना मुश्किल हो जाता है। चलिए आपको उन मंदिरों के बारे में बताते हैं।

केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड – Kedarnath Temple, Uttarakhand

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लिस्ट में सबसे ऊपर केदारनाथ मंदिर आता है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में लगभग 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों और पंच केदारों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के आसपास महान हिंदू भिक्षु आदि शंकराचार्य ने करवाया था। 2013 में, केदारनाथ को एक भयंकर जलप्रलय की वजह से काफी नुकसान पहुंचा था, जिसमें हजारों तीर्थयात्री की जान चली गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे। घटना के बाद मंदिर का ट्रैकिंग पॉइंट कुछ बदल दिया गया है। नए मार्ग में आपको 21 किमी का ट्रैक करना पड़ता है।

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कैलाश मानसरोवर – Kailash Mansarovar

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अब कैलाश मानसरोवर असल में सबसे चुनौतीपूर्ण और धार्मिक स्थलों में सबसे मुश्किल माना जाता है। आज यह जगह चीन के कब्जे वाले तिब्बत (1962 के युद्ध के बाद) में पड़ती है। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तीर्थयात्रा के प्रमुख आकर्षण हैं।

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(फोटो साभार : TOI.com)

कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तराखंड – Kartik Swami Temple, Uttarakhand

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कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। 200 साल पुराना मंदिर उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर एडवेंचर प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहां पहुंचने के लिए यात्रियों को कनकचौरी गांव से 3 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है और यह रास्ता में बेहद कठिन है।

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(फोटो साभार : TOI.com)

यमुनोत्री मंदिर, उत्तराखंड – Yamunotri Temple, Uttarakhand

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यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड में छोटा चारधाम यात्रा के चार महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है। खूबसूरत मंदिर उत्तरकाशी जिले में 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए आपको मानसिक और शारीरिक ताकत की जरूरत पड़ेगी।

तुंगनाथ मंदिर, उत्तराखंड – Tungnath Temple, Uttarakhand

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तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पहाड़ी मंदिर भी है। जो लोग नहीं जानते उनके लिए यह दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है जो पहाड़ों में लगभग 3680 मीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 1000 साल पहले हुआ था।

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(फोटो साभार : wikimedia commons)

शिखर जी, झारखंड – Shikhar Ji, Jharkhand

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शिखर जी जैनियों के लिए सबसे अधिक पूजनीय स्थलों में से एक है। यह मंदिर झारखंड के गिरिडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ी में लगभग 1350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह जैनियों के बीच धार्मिक महत्व रखती है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि ये वो जगह है जहां 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 ने निर्वाण प्राप्त किया था। मंदिर को तीर्थराज या तीर्थों के राजा के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर के लिए 28 किमी लंबा ट्रेक मधुबन से शुरू होता है और इसमें खड़ी चढ़ाई शामिल है। इसलिए अगर आप फिट और फाइन हैं, तभी इस ट्रैक को करें।

(फोटो साभार : indiatimes.com)



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