नकदी की तंग स्थिति के बीच बैंकों ने चालू वित्त वर्ष में अब तक रिकॉर्ड 91,500 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए हैं और वित्त वर्ष के अंत तक इसके 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक टिप्पणी में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक बैंकों ने कुल 91,500 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए हैं. यह अपने-आप में एक रिकॉर्ड है. पिछला रिकॉर्ड 80,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने का था जो वित्त वर्ष 2016-17 में बना था.
इक्रा रेटिंग्स ने कहा कि इस आंकड़े के मार्च 2023 के अंत तक 1.3-1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है. बैंक पूंजी जुटाने के लिए वैकल्पिक साधन के तौर पर बॉन्ड जारी करते हैं.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऋण एवं जमा के बीच का फासला बढ़ने से बैंकों ने पूंजी जुटाने के लिए इस वित्त वर्ष में रिकॉर्ड मात्रा में बॉन्ड जारी किए हैं. इस वित्त वर्ष के अंत तक जमा की तुलना में ऋण की मांग बनी रहने का अनुमान है. उसने कहा कि 16 दिसंबर तक कर्ज बढ़कर 12.7 लाख करोड़ रुपये जबकि कुल जमा 8.9 लाख करोड़ रुपये था.
इक्रा ने कहा कि ऋण एवं जमा के इस फासले को दूर करने के लिए बैंकों ने वित्तपोषण के कई तरीके अपनाए हैं जिनमें बॉन्ड जारी करना भी शामिल है. बैंकों की तरफ से जारी सकल बॉन्ड राशि वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 90,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई. एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा करीब 70,000 करोड़ रुपये था.
इक्रा में उपाध्यक्ष एवं वित्तीय क्षेत्र रेटिंग के प्रमुख आशय चोकसी ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष के अंत तक समूची प्रणाली में ऋण-जमा अनुपात बढ़कर 76.3-76.5 प्रतिशत तक हो जाएगा. यह अनुपात 16 दिसंबर, 2022 को 74.8 प्रतिशत पर था.