बेबी के कमरे में लैपटॉप कर रहे हैं यूज? डॉक्‍टर ने कहा बच्‍चे की सेहत के साथ खेल रहे हैं आप


जब शिशु जन्‍म लेता है तो उसकी परवरिश और देखभाल को लेकर माता-पिता समेत पूरा परिवार काफी सजग रहता है। शिशु को क्‍या खिलाना है, उसके लिए क्‍या करना है क्‍या नहीं करना है, उसे कैसे रखना है। बेबी के कमरे में खास बातों का ख्‍याल रखा जाता है जैसे कि बाहर से ठंडी हवा ज्‍यादा नहीं आनी चाहिए, कमरा ज्‍यादा गर्म नहीं रहना चाहिए और बेबी के कमरे में और इसके आसपास ज्‍यादा शोर नहीं होना चाहिए। इसी तरह पैरेंट्स को बच्‍चे के कमरे में गैजेट्स चलाने को लेकर भी चिंता रहती है। कुछ माता-पिता यह सोचते हैं कि क्‍या उन्‍हें बेबी के कमरे में या बच्‍चे के आसपास लैपटॉप पर काम करना चाहिए?

अगर आपके मन में भी इस तरह का कोई सवाल है तो आप इस आर्टिकल में जान सकते हैं कि क्‍या सही है और क्‍या गलत है।

क्‍या है सुरक्षित

आमतौर पर यही कहा जाता है कि बच्‍चे के कमरे में या जहां पर बच्‍चा सो रहा है, वहां पर लैपटॉप का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, फिलहाल इस बात का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है कि लैपटॉप, टैबलेट, फोन या वाईफाई से निकलने वाली रेडिएशन बच्‍चे के लिए नुकसानदायक होती है। इस मामले में अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।

​पहले ही हो चुका होता है एक्‍सपोज

लैपटॉप, फोन और टैबलेट रेडियो तरंगों का उपयोग करके सूचना प्रसारित करते हैं, जो विकिरण का एक कमजोर रूप है। रेडियो तरंगें हमें लगातार घेरे रहती हैं क्योंकि कई इलेक्ट्रिक एपलाइंसिस, जैसे कि माइक्रोवेव, उन्हें उत्सर्जित करते हैं। इसलिए, लैपटॉप या टैबलेट से विकिरण के स्तर में बहुत अधिक वृद्धि होने की संभावना नहीं है क्‍योंकि बच्‍चा पहले से ही इन रेडिएशन के संपर्क में आ चुका होता है।

​क्‍या कर सकते हैं आप

यदि आप अपने शिशु के रेडियो तरंगों के संपर्क में आने को लेकर चिंतित हैं, तो कुछ चीजें हैं जो आप कर सकते हैं। अपने बच्चे के पालने को इंटरनेट राउटर से दूर रखें, अपने लैपटॉप या किसी अन्य डिवाइस का उपयोग करते समय, अपने और अपने बच्चे के बीच कुछ दूरी बनाए रखें।

फोटो साभार : pexels

​यूज ना हो तो बंद कर दें

जब आप अपना लैपटॉप या टैबलेट पर काम खत्‍म कर लें तो उसे बंद कर दें। उपकरण केवल रेडियो तरंगों का उत्सर्जन तब करते हैं जब वे सूचना प्रसारित कर रहे होते हैं। इसलिए इन्‍हें बंद करने पर इसका खतरा खत्‍म हो जाता है। अपने मोबाइल या टैबलेट पर अलार्म सेट करने से बचें। इसके बजाय एक नियमित बेडसाइड घड़ी का उपयोग करें।

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​ये है बेस्‍ट तरीका

अपने बच्चे के रेडियो तरंगों के संपर्क को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि बेडरूम में लैपटॉप या टैबलेट का उपयोग बिल्कुल न करें। इससे आपको भी फायदा हो सकता है।

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पीडियाट्रिशियन क्‍या कहती हैं

नोएडा के अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की पीडियाट्रिशियन स्‍वाति सेठ कहती हैं लैपटॉप और टैबलेट की स्क्रीन नीली रोशनी पैदा करती है, जो आपके सोने के पैटर्न को बाधित कर सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नीली रोशनी की किरणें मेलाटोनिन के स्राव में बाधा डालती हैं, वह हार्मोन जो नींद को नियंत्रित करने में मदद करता है। डॉक्‍टर की राय है कि बच्‍चे के आसपास लैपटॉप का उपयोग नहीं करना चाहिए लेकिन अगर आपको करना ही है तो बच्‍चे के बिस्‍तर पर लैपटॉप ना रखें।

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​क्‍या करना चाहिए

मोबाइल या लैपटॉप जैसे इंटरएक्टिव डिवाइस विशेष रूप से नींद लाने में बाधा कर सकते हैं और चैन की नींद पाने में भी रुकावट बन सकते हैं। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि आप और आपका बच्‍चा चैन की नींद ले सके तो उसके कमरे में कोई भी इले‍क्‍ट्रोनिक गैजेट ना रखें।

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