पुणे: ज़िला अदालत द्वारा जारी कथित नोटिस में महिला वकीलों से कोर्ट में बाल ठीक न करने को कहा गया


वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने एक ट्वीट में पुणे की ज़िला अदालत के रजिस्ट्रार द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस साझा किया था, जिसमें महिला अधिवक्ताओं से कहा गया था कि वे खुली अदालत में बाल ठीक न करें क्योंकि इससे कोर्ट के कामकाज में व्यवधान पड़ता है.

(फोटो साभार: Lawmin.gov.in)

नई दिल्ली: पुणे जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार द्वारा कथित तौर पर जारी एक नोटिस को लेकर विवाद हो गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नोटिस में महिला अधिवक्ताओं को ‘खुली अदालत में अपने बालों को ठीक करने’ से परहेज करने के कथित निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि इससे ‘कामकाज में व्यवधान पड़ता है.’

हालांकि, पुणे बार एसोसिएशन का कहना है कि उनके कार्यालय को ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है.

इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने ट्विटर पर इस कथित नोटिस की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि महिला वकीलों से किसका ध्यान भटक रहा है और क्यों.

20 अक्टूबर की तारीख वाले इस नोटिस में अंग्रेजी में लिखा था, ‘ऐसा बार-बार देखा गया है कि महिला अधिवक्ता अपने बाल खुली अदालत में ठीक करती हैं, जिससे अदालत के कामकाज में बाधा होती है. इसलिए महिला अधिवक्ताओं को सूचित किया जाता है कि वे ऐसा करने से परहेज करें.’

नोटिस के अंत में पुणे की जिला अदालत के रजिस्ट्रार के दस्तखत दिख रहे हैं.

हालांकि, पुणे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पांडुरंग थोर्वे ने बताया कि उनके दफ्तर, जिसे वकीलों को भेजे जाने वाले नोटिस पहले ही मिल जाते हैं, को ऐसा नोटिस नहीं मिला है.

थोर्वे ने अख़बार से कहा, ‘बताई गई तारीख पर हमारे दफ्तर को कोई नोटिस नहीं मिला है. नियमानुसार, वकीलों को भेजे जाने वाले नोटिस पहले बार एसोसिएशन को भेजे जाते हैं. मेरे संज्ञान में यह मसला आने के बाद मैं अदालत परिसर गया था और कुछ जगहों पर चेक किया, जहां यह नोटिस चिपका हो सकता था. लेकिन मुझे अब तक ऐसा कोई नोटिस दिखा नहीं.’

उधर, बार एंड बेंच ने अनाम स्रोतों के हवाले से बताया है कि इसे लेकर आपत्ति उठने के बाद इसे रद्द कर दिया गया है. इंदिरा जयसिंह ने भी एक ट्वीट में बताया है कि नोटिस वापस ले लिया गया है.

थोर्वे ने आगे जोड़ा, ‘कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नोटिस शनिवार को वापस ले लिया गया. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि शनिवार को दीवाली की छुट्टियां शुरू हुई हैं और शुक्रवार कामकाज का आखिरी दिन था. हम इस बारे में और जानकारी जुटा रहे हैं.’

नोटिस को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘अदालत की गरिमा बनाए रखने के लिए कुछ कायदों का पालन किया जाता है. हम इस बार तभी कोई टिप्पणी कर सकते हैं जब हम नोटिस देखेंगे और सारी जानकारी वेरीफाई कर लेंगे.’





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