पानी संकट के लिए आप कसूरवार… दिल्ली सरकार और एलजी में फिर तकरार

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नई दिल्ली: इस साल मार्च में ही राजधानी पानी के संकट से जूझ रही है। वजीराबाद तालाब में जलस्तर गिरने से वजीराबाद और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कम क्षमता से काम कर रहे हैं। अब एलजी वी. के. सक्सेना ने यमुना का दौरा कर इसके बुरे हालात के बारे में सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। एलजी ने पत्र में कहा है कि वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट में सफाई व्यवस्था काफी खराब है। इस प्लांट से दिल्ली के बड़े हिस्से को पानी सप्लाई किया जाता है। ऐसे में लोग किस किस्म का पानी पी रहे हैं, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

वजीराबाद रिजरवायर की सफाई का मुद्दा उठाया
उन्होंने यह भी लिखा है कि वजीराबाद बैराज के पीछे बने वजीराबाद रिजरवायर की सफाई लंबे समय से नहीं हुई है। न ही इस तालाब से गाद निकालने का काम हुआ है। 2013 से ही इस तलाब से गाद निकालने का अनुबंध भी है, इसके बावजूद इस दौरान यह काम नहीं हुआ। इसकी वजह से आठ वर्षों में तालाब की गहराई 4.26 मीटर से कम होकर महज 0.42 मीटर रह गई है। इस तालाब की क्षमता करीब 250 एमजीडी पानी की है, लेकिन सफाई न होने से यह क्षमता 93 प्रतिशत तक कम हो गई है। तालाब अब महज 16 एमजीडी पानी ही रख पा रहा है।

‘हरियाणा नहीं है पानी की कमी की वजह’
एलजी ने सीएम को लिखा है कि दिल्ली में हर साल पानी की कमी और इस साल होली से पहले हुई समस्या का यह एक बड़ा कारण है। इसकी वजह से वजीराबाद और चंद्रावल डब्ल्यूटीपी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे। जबकि आम आदमी पार्टी कह रही है कि हरियाणा की वजह से पानी की समस्या है। एलजी ने 9 मार्च को इस क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद यह पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि प्लांट के उपकरणों में जंग लगा हुआ है, उनके आसपास गाद जमा है। साथ ही, तालाब का वह हिस्सा जहां से प्लांट पानी लेता है, पूरी तरह गाद से भरा हुआ है।

कई सालों से नहीं हुआ काम
एलजी ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार, अक्टूबर 2013 से ही 7.79 लाख क्यूबिक मीटर गाद आठ महीने में निकालने का अनुबंध हुआ है। इसके बावजूद महज एक बार 5 लाख क्यूबिक मीटर और एक बार 1.15 लाख क्यूबिक मीटर गाद ही निकाली गई है। यह भी 2014 से 2018 के बीच की बात है। इसके बाद से यहां यह काम नहीं हुआ है। इस अनुबंध को फरवरी-2022 में खत्म किया गया।

एलजी ने सीएम से पत्र में पूछे ये 5 सवाल

  1. दिल्ली के लोगों को किस स्तर का पानी सप्लाई किया जा रहा है?
  2. सप्लाई किए जा रहे पानी की गुणवत्ता क्या है और क्या वह पीने लायक है?
  3. गंदा पानी सप्लाई कर लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं हो रहा?
  4. क्या देश की राजधानी की यह स्थिति न्यायसंगत है?
  5. डीजेबी के तालाब से गाद न निकालने की वजह से क्या राजधानी 912500 मीलियन गैलन पानी का नुकसान सहन कर सकती है?

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