नोएडा में आवासीय सोसाइटी की दीवार गिरने से चार मज़दूरों की दबकर मौत, आठ घायल


नोएडा प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 21-ए स्थित जल वायु विहार में एक आवासीय सोसाइटी की दीवार के पास बनी नाली की सफाई व मरम्मत का काम करवाया जा रहा था. इसी दौरान दीवार का एक हिस्सा गिर गया और मौके पर काम कर रहे 12 मज़दूर मलबे के नीचे दब गए.

घटना के बाद बचाव अभियान की एक तस्वीर. (फोटो: पीटीआई)

नोएडा: नोएडा में मंगलवार को एक आवासीय सोसाइटी की बाहरी दीवार का एक हिस्सा गिरने से मलबे में दबकर चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य घायल हो गए. पुलिस ने यह जानकारी दी.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सेक्टर-20 थाने के एक दल ने मजदूर मुहैया कराने वाले ‘उप-ठेकेदार’ गुल मोहम्मद को हिरासत में ले लिया है.

अधिकारियों ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा दीवार के पास बनी नाली की सफाई व मरम्मत का काम करवाते समय मंगलवार को सुबह करीब 10 बजे दीवार का एक हिस्सा गिर गया. हादसा सेक्टर 21-ए स्थित जल वायु विहार में हुआ. दीवार गिरने से मौके पर काम कर रहे 12 मजदूर मलबे के नीचे दब गए.

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस व दमकल विभाग के कर्मियों ने मजूदरों को मलबे से निकाला और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया. इलाज के दौरान चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य का इलाज चल रहा है.

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (नोएडा) आशुतोष द्विवेदी ने बताया, ‘कुल 12 मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला गया. उनमें से चार लोगों की मौत हो गई है और अन्य घायल हैं.’

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस आयुक्त आलोक सिंह, नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी, संयुक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार, गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई, नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण मिश्रा, पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) हरीश चंदर, सहायक पुलिस आयुक्त (जोन प्रथम) रजनीश वर्मा सहित कई पुलिस अधिकारी व कई थानों के प्रभारी मौके पर पहुंचे.

संयुक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार ने कहा, ‘नोएडा प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 21-ए जलवायु विहार की सीमा के पास बनी साढ़े तीन फुट गहरी नाली की मरम्मत व सफाई का काम करवाया जा रहा था. यह कार्य करीब एक हफ्ते से चल रहा था. आज सुबह जब करीब 12 मजदूर निर्माण व सफाई के कार्य में जुटे थे, तभी जल वायु विहार की पुरानी ‘बाउंड्री वॉल’ का एक हिस्सा गिर गया.’

उन्होंने कहा, ‘इस घटना में वहां पर काम कर रहे पंकज, संजीव, नन्हे, विनोद, दीपक, ऋषि पाल, जोगेंद्र, पप्पू, पुष्पेंद्र, पन्नालाल, अमित, धरमवीर मलबे के नीचे दब गए.’

उन्होंने कहा, ‘मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालकर नोएडा के कैलाश अस्पताल और जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इलाज के दौरान कैलाश अस्पताल में अमित (18) तथा धरमवीर (18) की और जिला अस्पताल में पुष्पेंद्र (25) तथा पन्नालाल (25) की मौत हो गई. अन्य घायलों का इलाज जारी है.’

पुलिस ने बताया कि अमित, पुष्पेंद्र और पन्नालाल बदायूं के रहने वाले थे और धर्मवीर संबलपुर का निवासी था.

पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने भी घटनास्थल का दौरा किया और अपने मातहत अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.

मौके पर पहुंचे गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा, ‘नोएडा प्राधिकरण द्वारा नाली का निर्माण करवाया जा रहा था. घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी. जान गंवाने वालों के आश्रितों को कानून के तहत उचित मुआवजा दिया जाएगा.’

नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने कहा, ‘मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी.’

घटनास्थल पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल भी पहुंचा, लेकिन उसके पहुंचने से पहले ही बचाव कार्य पूरा हो चुका था.

इस बीच, हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों व ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह दुर्घटना हुई.

परिवार वालों ने दावा किया कि निर्माण कार्य करवा रहे ठेकेदार सुंदर यादव ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया, जिसके कारण यह हादसा हुआ.

जिला प्रशासन ने श्रम विभाग के एक दल को भी मौके पर बुलाया. श्रम विभाग के अधिकारी यह जांच कर रहे हैं कि निर्माण कार्य में जुटे लोगों का ‘असंगठित मजदूर’ के रूप में पंजीकरण हुआ था या नहीं.

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने घटना पर गहरा दुख व्‍यक्‍त करते हुए घायलों के बेहतर उपचार के निर्देश दिए हैं.

मुख्‍यमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जनपद गौतमबुद्धनगर में दीवार गिरने से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर तत्काल पहुंचकर युद्धस्तर पर राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं.’

इस बीच, गौतम बुद्ध नगर से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों के परिवार वालों से बात की.

जान गंवाने वालों में 18 वर्षीय अमित भी शामिल थे. उनके रिश्तेदार विनोद भी वहीं काम कर रहे थे. विनोद का कहना है कि ठेकेदार ने सुरक्षा के कोई उपकरण उपलब्ध नहीं कराए थे.





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