नारियल तेल की कुछ बूंदें इस तरह लगाने पर कर सकती हैं पुरानी से पुरानी कब्‍ज को भी दूर


छोटे बच्‍चों में कब्‍ज होना एक आम समस्‍या है। कब्‍ज के कारण बेबी की सेहत और पाचन भी प्रभावित होता है। फॉर्मूला मिल्‍क पीने वाले शिशुओं को अक्‍सर कब्‍ज की शिकायत रहती है। जब बेबी ठोस आहार लेना शुरू करता है, तो पाचन के बदलने की वजह से भी उसे कुछ दिनों तक कब्‍ज रह सकती है। वहीं कुछ शिशुओं में कुछ फूड्स भी कब्‍ज करते हैं जैसे कि सेब। शरीर में पानी की कमी के कारण भी कुछ बच्‍चों को कब्‍ज हो जाती है। इसके अलावा इमोशनल स्‍ट्रेस, रूटीन में बदलाव और कोई नया फूड खाने पर बेबी को कब्‍ज हो सकती है। अगर आप भी अपने बेबी को हो रही कब्‍ज को लेकर परेशान हैं, तो नारियल तेल का इस्‍तेमाल करना शुरू कर दें। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि बेबी की कब्‍ज की शिकायत को दूर करने के लिए किस तरह नारियल तेल का उपयोग किया जा सकता है।

​कब्‍ज दूर करता है नारियल तेल

बेबी को कब्‍ज से बचाने या राहत दिलाने के लिए आप नारियल तेल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। आप बेबी के खाने में नारियल तेल डाल सकते हैं या फिर उसके पेट की नारियल तेल से मालिश कर सकते हैं। ब्रेस्‍टफीडिंग मदर अपने आहार में नारियल तेल को शामिल कर, बेबी को कब्‍ज से राहत दिला सकती है। नारियल तेल में एमसीएफए और लॉरिक एसिड होता है जो कब्‍ज को दूर करने में मदद करते हैं।

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​पेट की मालिश

बच्‍चों के लिए नारियल तेल की मालिश बहुत अच्‍छी रहती है। इससे कब्‍ज से राहत मिल सकती है। थोड़ा-सा नारियल तेल गर्म करें और अपने हथेली और उंगलियों पर लेकर बेबी के पेट की सर्कुलर मोशन में मसाज करें। कई बच्‍चों की इस मालिश से कब्‍ज ठीक हो जाती है।

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​ब्रेस्‍टमिल्‍क के जरिए कोकोनट ऑयल

अगर आपका बेबी ब्रेस्‍टफीडिंग करता है, तो मां अपने आहार में वर्जिन कोकोनट ऑयल को शामिल करना शुरू कर दें। हालांकि, आपको अधिक मात्रा में नारियल तेल नहीं लेना है क्‍योंकि इससे आपको दस्‍त हो सकते हैं।

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​अन्‍य तरीके

इसके साथ ही कब्‍ज को दूर करने के लिए आप अपने बेबी को खूब पानी पिलाएं। उसे बाइसाइकिल एक्‍सरसाइज करवाएं। एक्‍सरसाइज और मूव करने से पेट की मांसपेशियां ढीली होती हैं जिससे आंतों में जमा मल निकल जाता है।

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​इन बातों का ध्‍यान रखें

आप सिर्फ ब्रांडेड वर्जिन कोकोनट ऑयल का इस्‍तेमाल करें। बेबी को इस ऑयल से कोई एलर्जी तो नहीं है, इसके लिए पैच टेस्‍ट कर लें। आप धीरे-धीरे शुरुआत करें और कुछ दिनों के अंदर इसकी मात्रा धीरे-धीरे ही बढ़ाएं। इसे खाली पेट लेने से बचें क्‍योंकि ज्‍यादा नारियल तेल लेने से दस्‍त हो सकते हैं।

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