धर्म और आस्था के मीडिया कवरेज से नाखुश हैं अमेरिका और मिस्र से लेकर भारत तक के लोग


क्या आस्थाधर्म और अध्यात्म पर मीडिया की रिपोर्टिंग निष्पक्ष हैयह दुनियाभर में कई लोगों के लिए चिंता का कारण है.

द फेथ एंड मीडिया इनीशिएटिव (एफएएमआई या फामी) नामक एक अमेरिकी समूह धर्म और आस्था से जुड़े मामलों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग सुनिश्चित करके समाज में आई कड़वाहट और विभाजन को कम करना चाहता है.

इस समूह ने हारिक्स रिसर्च कंपनी के माध्यम से एक विशाल सर्वे करवाया. न्यूयॉर्क में आयोजित कॉनकॉर्डिया शिखर सम्मेलन में इसके निष्कर्ष जारी किए. इस सर्वे का उद्देश्य मीडिया कंपनियों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना था कि वे धर्म और आस्था के कवरेज में सुधार लाएं. 

हारिक्स रिसर्च कंपनी के सीईओ ड्रिटन नेशोजिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कभी परामर्श ले चुके हैंने दिप्रिंट से खास बात की.

शीला भट्ट: यह सर्वे किन देशों में और कितने लोगों के बीच हुआ?  

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें