देश में विदेशी छात्रों की संख्या पिछले सात सालों में 42% बढ़ी, ज्यादातर बच्चे नेपाल और अफगानिस्तान से

[ad_1]

नई दिल्ली: एक दशक से भी कम समय में पढ़ाई के लिए भारत आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में तकरीबन 42 फीसदी का इजाफा हुआ है.

भारत सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि जो देश पढ़ाई के लिए अपने छात्रों को भारत भेजते आ रहे हैं, उनके नामों में पिछले कुछ सालों में कोई बदलाव नहीं आया है. हालांकि यहां आने वाले विदेशी छात्रों एक बड़ा हिस्सा दक्षिण एशियाई देशों से आता है, लेकिन नेपाल पहले नंबर पर बना हुआ है.

पहले मलेशिया और भूटान जैसे देश एक बड़ी संख्या में अपने छात्रों को भारत भेजते थे. लेकिन इन देशों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार आने के बाद से उनकी संख्या कम हो गई है.

अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के सात सालों के आंकड़ों के अनुसार, 2012-13 में भारत आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 34,774 थी, जो 2019-20 में बढ़कर 49,348 हो गई.

सात सालों के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद पता चलता है कि नेपाल ने भारत में सबसे अधिक छात्रों को भेजना जारी रखा हुआ है. उसके बाद अफगानिस्तान का नंबर आता है. पिछले दो-तीन सालों से बांग्लादेश से आने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ी है. लेकिन भूटान और मलेशिया से आने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है. हाल के कुछ सालों में इराक और ईरान से आने वाले छात्रों का रुझान भी कम होता देखा गया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें