दिल्ली: ओखला-जामिया नगर में धारा 144 लागू, रैलियों-जुलूसों में मशाल पर पाबंदी



नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जामिया नगर इलाके में रैलियों, जुलूसों या किसी भी सार्वजनिक समारोह में ‘मशाल’ या मशाल जलाने पर दो महीने के लिए रोक लगाई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आदेश यह सूचना मिलने के बाद जारी किया गया कि कुछ समूह ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं जो क्षेत्र में शांति भंग कर सकती हैं या जीवन और संपत्ति को खतरे में डाल सकती हैं.

पुलिस ने बताया, यह आदेश सीआरपीसी की धारा 144 के तहत 19 सितंबर को जारी हुआ था और अगले 60 दिनों तक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जामिया नगर और ओखला के इलाकों में लागू रहेगा.

एसीपी संजय कुमार सिंह के हस्ताक्षर वाले लिखित आदेश में लिखा है कि उनके अधिकार क्षेत्र ‘न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दक्षिण-पूर्व जिला, नई दिल्ली’ में जुलूसों, रैलियों या कार्यक्रमों में मशाल या किसी भी रूप में जलती हुई आग प्रतिबंधित है. आदेश का उल्लंघन करने वालों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें इनपुट मिले थे कि कुछ व्यक्ति या समूह हिंसक प्रदर्शन या दंगे शुरू कर सकते हैं. किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए हमने ‘मशाल’ के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है, जो आमतौर पर लोगों द्वारा उनके प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं.’

इस आदेश को ध्यान में रखते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपने छात्रों और शिक्षकों को विश्वविद्यालय परिसर व उसके आसपास समूह में एकत्रित नहीं होने का निर्देश दिया है.

विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर ने सोमवार को जारी एक नोटिस में कहा कि जामिया नगर थाने के एसएचओ ने सूचित किया है कि 19 सितंबर से ये पाबंदियां लागू हैं क्योंकि सूचना मिली थी कि कुछ लोग या समूह शांति व्यवस्था भंग करने वाली गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं.

नोटिस के अनुसार, एसएचओ ने कहा है कि 17 नवंबर तक पूरे ओखला (जामिया नगर) क्षेत्र में यह पाबंदी लागू रहेगी.

हालांकि, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि यह आदेश पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ जारी कार्रवाई से जुड़ा है. मिड डे की खबर के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को इस संबंध में जानकारी दी.

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता सुमन नालवा ने एएनआई से कहा, ‘इसका पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई से कुछ लेना-देना नहीं है. आदेश 10 दिन पुराना है.’

गौरतलब है कि जामिया के प्रॉक्टर का आदेश सोमवार से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. मंगलवार की सुबह जब केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस के साथ राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न लोकेशन पर छापेमारी की तो कई मीडिया हाउस ने इसे पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई से जोड़ दिया था.

मुख्य प्रॉक्टर की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि आदेश के मद्देनजर जामिया मिलिया इस्लामिया के सभी छात्रों और शिक्षण व गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सामूहिक रूप से या किसी मार्च, आंदोलन, धरने अथवा बैठक के तहत परिसर के अंदर व बाहर इकट्ठा नहीं होने की सलाह दी जाती है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)





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