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हैदराबाद. तेलंगाना सरकार के एक अधिकारी ने कथित तौर पर 7 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि का दावा करने के लिए अपनी मौत का नाटक किया. उन्हें मेडक जिले में उनकी पत्नी और दो रिश्तेदारों सहित चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया. समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. मुख्य आरोपी तेलंगाना राज्य सचिवालय में सहायक अनुभाग अधिकारी (एएसओ) के रूप में कार्यरत था.
दरअसल, शेयर बाजार में उन्हें 85 लाख रुपये का घाटा हुआ और इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी व रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक योजना बनाई. पुलिस ने कहा कि उसने कथित तौर पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी और घाटे से उबरने एवं अपने कर्ज को निपटाने के लिए बीमा राशि का दावा करने के लिए अपनी मौत का नाटक किया.
आरोपियों ने ऐसे दिया घटना को अंजाम
8 जनवरी को एएसओ ने एक अन्य आरोपी के साथ निजामाबाद रेलवे स्टेशन के पास एक व्यक्ति को साथ चलने को कहा. पुलिस ने कहा कि दोनों ने उस व्यक्ति का सिर मुंडवा दिया, अधिकारी की पोशाक पहना दी और फिर उसे वेंकटपुर गांव ले जाया गया. इसके बाद एएसओ ने कार के अंदर और बाहर पेट्रोल डाला और उस व्यक्ति को कार की अगली पंक्ति में बैठने को कहा. पुलिस ने कहा कि जब उसने इनकार कर दिया, तो उन्होंने उस पर कुल्हाड़ी और डंडों से हमला किया और कथित तौर पर उसे मार डाला, फिर उसके शरीर को कार में डाल दिया और बाद में वाहन में आग लगा दी.
पुलिस मान चुकी थी कि शव सरकारी अधिकारी का था
योजना के तहत, अधिकारी और अन्य लोगों ने बीमा राशि का दावा करने के लिए उसके जैसे दिखने वाले व्यक्ति को मारने के लिए प्लान बनाया. पुलिस ने कहा कि उसने पिछले एक साल में अपने नाम से 7.4 करोड़ रुपये की 25 बीमा पॉलिसी खरीदीं. दरअसल, तेलंगाना के मेडक जिले में जली हुई कार मिली थी जिसमें एक शव मिला था, पुलिस मान चुकी थी की शव तेलंगाना राज्य सचिवालय में सहायक अनुभाग अधिकारी धर्मा का था, लेकिन मामले ने नाटकीय मोड़ ले लिया, क्योंकि पुलिस ने उसे जीवित पाया.
कार के रजिस्ट्रेशन नंबर और पहचान पत्र से मृतक की पहचान
कथित तौर पर धर्मा को गोवा से गिरफ्तार किया गया और उसे हैदराबाद लाया गया. मेडक पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि 9 जनवरी को जिले के वेंकटपुर गांव के बाहरी इलाके में एक व्यक्ति के जले हुए शरीर के साथ एक कार पूरी तरह से जली हुई मिली थी. कार के पास पेट्रोल की आधी भरी बोतल और एक बैग मिला था. पुलिस ने बैग में मिले कार के रजिस्ट्रेशन नंबर और पहचान पत्र के आधार पर मृतक की पहचान 48 वर्षीय धर्मा के रूप में की थी. पुलिस को अंदेशा था कि कार जिस तटबंध पर रेलिंग नहीं थी, वहां से खाई में गिरी होगी. संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर पुलिस ने सभी पहलुओं से जांच शुरू की.
धर्मा के मोबाइल फोन को ट्रेस करने पर खुला राज
मामले में नाटकीय मोड़ तब आया जब जांच के दौरान पुलिस ने धर्मा के मोबाइल फोन को ट्रेस करने की कोशिश की. मोबाइल फोन के सिग्नल के आधार पर पुलिस ने डिवाइस को गोवा तक ट्रैक किया. पुलिस की एक टीम गोवा पहुंची और उसने धर्मा को जिंदा पाया. उसे हिरासत में लेकर तेलंगाना लाया गया. धर्मा ने कथित तौर पर बीमा राशि के लिए मौत का नाटक करने के लिए कार चालक की हत्या कर दी. वह सट्टेबाजी के कारण कर्ज में डूब गया था और कर्ज चुकाने के लिए बीमा राशि का दावा करने का विचार आया. उसके परिवार वाले भी उसके साथ मिले हुए थे.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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FIRST PUBLISHED : January 19, 2023, 23:42 IST
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