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शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे शुक्रवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत कर रहे थे। आदित्य ठाकरे ने उन पर लगे आरोपों का भी खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमने जमीन घोटाले को लेकर विधानसभा में आवाज उठाने की कोशिश की लेकिन हमारी आवाज को दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है। पूरे सत्र के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सदन में नहीं थे। न ही वो हमसे बात करते के लिए तैयार थे। विधानसभा में नेता विपक्ष ने दो-तीन बार मामले को उठाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि वो डरे हुए हैं।
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‘एकनाथ शिंदे में जवाब देने का माद्दा नहीं’
आदित्य ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे में जवाब देने का माद्दा नहीं है। जिस तरह से वो शिवसेना के साथ गद्दारी करके गए हैं वो किसी के सगे नहीं हैं। आदित्य ठाकरे ने दिशा सालियान केस में उनका नाम जोड़े जाने पर राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह गंदी राजनीति है। महाराष्ट्र सरकार एक युवा से डर गई है। इसके चलते वह ऐसे आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि दुख इस बात का होता है कि जिसकी मौत हुई उनके माता-पिता ने राष्ट्रपति को खत लिखकर बेटी के नाम पर राजनीति न करने की गुहार लगाई थी। इसके बावजूद वो गंदी राजनीति करने पर तुले हैं।
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‘डर के मारे मेरे ऊपर लगाए जा रहे आरोप’
ठाकरे ने कहा कि डर के मारे मेरे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं सदन में लगातार जमीन घोटाले पर आवाज उठा रहा था। इसके चलते बीजेपी की ओर से मेरे ऊपर हमला बोला गया है। नारायण राणे की ओर से आदित्य ठाकरे का नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि नारायण राणे गंदी राजनीति कर रहे हैं। मैं उनकी मांग पर जवाब देना उचित नहीं समझता। क्योंकि राणे की दुकान बीजेपी में इसी के भरोसे चल रही है।
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