जमीनी विवाद में हुई थी प्रॉपर्टी डीलर राजेश की हत्या, सफेदपोश सहित छह गिरफ्तार


हाइलाइट्स

बेतिया में प्रॉपर्टी डीलर और सभापति के उम्मीदवार राजेश श्रीवास्तव की चार नकाबपोश अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी
मर्डर की इस घटना में चार गोली राजेश श्रीवास्तव के सीने में लगी थी
एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने केस के खुलासे के लिये एसआईटी का गठन किया था

बेतिया. बिहार के बेतिया में हुए सभापति उम्मीदवार और प्रॉपर्टी डीलर राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. पुलिस के मुताबिक ये हत्या राजनितिक और व्यवसायिक कारणों से हुई थी. सबसे खास बात है कि हत्याकांड की साजिश राजेश श्रीवास्तव के सहयोगी जिमी और नरकटियागंज के निवर्तमान सभापति राधेश्याम तिवारी ने मिलकर रची थी. पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उसमें निवर्तमान सभापति राधेश्याम तिवारी, जितेंद्र उर्फ जिमी, विवेक शुक्ला, विशाल, मो.रूम और चंदन का नाम शामिल है.

शूटर की तलाश

हालांकि गोली मारने वाला मुख्य शूटर अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है लेकिन पुलिस सूत्रों की माने तो शूटर की पहचान हो गई है जिसका नाम फिरदौस है जो शातिर बदमाश है. बता दें कि दो दिसम्बर की देर रात अज्ञात अपराधियों ने नरकटियागंज शहर के बीचोबीच स्थित भगवती सिनेमा रोड में राजेश श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि राजेश श्रीवास्तव के सहयोगी जिमी को भी पैर में गोली लगी थी. राजेश श्रीवास्तव की हत्या के एक दिन बाद ही जिमी की साली ने खुदकुशी कर ली थी.

आपके शहर से (पश्चिमी चंपारण)

पश्चिमी चंपारण

पश्चिमी चंपारण

इन छह की हुई गिरफ्तारी

सूत्रों से जानकारी मिली थी कि जिमी की साली का सम्बंध राजेश श्रीवास्तव से था जिसके कारण ही उसने खुदकुशी की थी. बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड में परिस्थिजन्य साक्ष्य, तकनीकी अनुसंधान एवं आसूचना संग्रह के आधार पर नगर परिषद के पूर्व सभापति राधेश्याम तिवारी, घटनाक्रम में जख्मी जिम्मी के अलावे विवेक, विशाल, चंदन एवं मो. रुमर को गिरफ्तार किया गया है.

सीसीटीवी फुटेज से मिले अहम सुराग

पूछताछ के क्रम में गिरफ्तार लोगों ने अपनी संलिप्तता पुलिस के समक्ष स्वीकार की है. एसपी ने बताया कि यह हत्या जमीन के कारोबार से जुड़ी है एवं व्यावसायिक कारणों से हुयी है. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार युवको के पास से दो हथियार भी बरामद किये गये है. एसपी ने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर राजेश श्रीवास्तव की हत्या के बाद एसडीपीओ कुंदन कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. टीम में शिकारपुर थानाध्यक्ष के अलावे अन्य कई पुलिस पदाधिकारियों एवं तकनीकी सेल के पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल के जवानों को लगाया गया था. घटना के बाद टीम ने वहां सीसीटीवी फुटेज और मोबाईल लोकेशन के आधार पर वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये इस हत्याकांड में शामिल लोगो तक पहुंच सकी,  हालांकि अभी मुख्य शूटर एवं अन्य पुलिस पकड़ से बाहर हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकाने पर लगातार छापेमारी की जा रही है.

फिरदौस और मोनू शर्मा की तलाश

राजेश श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या करने के मामले में शातिर बदमाश फिरदौस और मोनू शर्मा पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन अभी तक दोनों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. माना जा रहा है कि फिरदौस और मोनू शर्मा ने ही गोली चलाई थी. फिरदौस कुख्यात अपराधी है और 25 जून को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कुख्याय गोरख ठाकुर की हत्या में भी फिरदौस का नाम आया था और तब से ही वह फरार है.

सीसीटीवी फुटेज से खुला राज

इस हत्याकांड के बाद पुलिस के हाथ घटना के वक्त का सीसीटीवी फुटेज लगा था जिसके बाद अपराधियों की पहचान कर पुलिस मामले की तह तक पहुंची. पुलिस ने इस हत्याकांड में विवेक शुक्ला नाम के एक अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसके बारे में बताया जा रहा है. कुछ दिन पहले तक विवेक नरकटियागंज एसडीपीओ कार्यालय में काम करता था लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया था. फ़िलहाल पुलिस इस हत्याकांड में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ साथ मामले की जांच में जुटी है.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *