चक्कर, ज्यादा पसीना आना हो सकते हैं प्री-डायबिटीज के संकेत, ऐसे करें लाइफस्टाइल मैनेज


हाइलाइट्स

प्री-डायबिटीज खराब लाइफस्‍टाइल की वजह से हो सकती है.
प्री-डायबिटीज पेशेंट्स को डाइट में हाई फाइबर लेना चाहिए.
प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने के लिए वॉक और एक्‍सरसाइज पर ध्‍यान देें.

How To Manage lifestyle In pre-diabetes-  एंडोक्राइन डिसऑर्डर की वजह से डायबिटीज होती है.डायबिटीज होने पर बॉडी का आंतरिक तापमान स्थिर बनाए रखना कठिन होता है. डायबिटीज शरीर के तापमान को मेंटेन रखने वाली प्राकृतिक क्षमता को समाप्‍त कर देती है. इसलिए डायबिटीज होने पर अधिक पसीना या पसीने की कमी हो सकती है. जरूरत से ज्‍यादा पसीना आना, चक्‍कर या पैरों में सुन्‍नपन प्री-डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं. डायबिटीज होने के पहले शरीर में प्री-डायबिटीज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिसे पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है. असामान्‍य शुगर लेवल से पीड़ित लोगों को प्री-डायबिटीज होने का खतरा होता है. प्री-डायबिटीज रिवर्सिबल होती है जिसे लाइफस्‍टाइल में बदलाव और डाइट से बदला जा सकता है. इसे यदि शुरुआत में ही कंट्रोल किया जाए तो डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्‍लम के खतरे को कम किया जा सकता है. चलिए जानते हैं प्री-डायबिटीज में किस प्रकार लाइफस्‍टाइल में बदलाव किया जा सकता है.

क्‍या है प्री-डायबिटीज
प्री-डायबिटीज मेटाबॉलिक सिंड्रोम का ही एक पार्ट है जो आगे चलकर टाइप-2 डायबिटीज में तब्दील हो सकती है. आई एम अवेयर के अनुसार प्री-डायबिटीज में शरीर में कई तरह‍ के बदलाव दिखाई देने लगते हैं जो काफी सामान्‍य से होते हैं. यही वजह है कि लोग प्री-डायबिटीज के लक्षणों को समय रहते पहचान नहीं पाते. माना जाता है कि प्री-डायबिटीज होने की मुख्‍य वजह अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल और मोटापा है. प्री-डायबिटीज होने पर हाई ब्‍लड प्रेशर की भी समस्‍या हो सकती है. इसमें चक्‍कर, उल्‍टी, अधिक पसीना आना, पैरों में सुन्‍नपन या झुनझुनी हो सकती है. ये एक रिवर्सिबल सिंड्रोम है जिसे लाइफस्‍टाइल में कुछ बदलाव करके कंट्रोल किया जा सकता है.

करें वेट कम
अधिक वजन या मोटापा कई गंभीर हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स को बढ़ावा दे सकता है. जिसमें हार्ट प्रॉब्‍लम, हाई बीपी, स्‍ट्रोक, डायबिटीज और कैंसर तक शामिल हैं. मोटापा प्री-डायबिटीज के लिए भी जिम्‍मेदार हो सकता है. जिन पुरुषों की कमर का साइज 40 और महिलाओं की कमर का साइज 35 से अधिक होता है उन्‍हें प्री-डायबिटीज होने का अधिक खतरा होता है. इसे रिवर्स करने के लिए वेट कम करना बेहद जरूरी है. लाइफस्‍टाइल और डाइट में बदलाव करके वेट को मैनेज किया जा सकता है.

वॉक का लें सहारा
प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने के लिए दिन में 30 मिनट या उससे अधिक समय वॉक करना बेहद जरूरी है. वॉक द्वारा फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है जो हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल के लिए आवश्‍यक है. चलने से न केवल डायबिटीज बल्कि स्‍ट्रोक, हार्ट प्रॉब्‍लम्‍स और कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है. वॉक शरीर की कैलोरी बर्न करने, वजन कम करने और फैट को बर्न करने में मदद कर सकती है.

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अधिक फाइबर का सेवन
प्री-डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए हाई फाइबर डाइट का सेवन किया जा सकता है. हाई फाइबर के लिए रेसबेरी का चुनाव किया जा सकता है. रेसबेरी खाने से ब्‍लड शुगर लेवल और इंसुलिन को कम किया जा सकता है. इसमें कार्ब्‍स काफी कम होता है जो प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद कर सकता है. रेसबेरी के अलावा सलाद, पत्‍तागोभी, सैलेरी और गाजर को डाइट में शामिल किया जा सकता है.

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करें इंटरमिटेंट फास्टिंग
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक बेहतरीन तरीका हो सकता है कम कैलोरी इंटेक का. इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने का एक निश्चित पैटर्न होता है जिसमें सभी पोषक तत्‍वों को शामिल किया जा सकता है. इसमें सबसे लोकप्रिय 5:2 और 16/8 खाने का पैटर्न है जो अधिकतर लोग अपनाते हैं. कम कैलोरी इंटेक होने से प्री-डायबिटीज के लक्षणों को कम किया जा सकता है.

Tags: Diabetes, Health, Lifestyle



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