गाड़ी की ही नहीं आपकी भी लाइफ लाइन हैं टायर, पढ़ें इनकी देखभाल के खास टिप्स


हाइलाइट्स

कार का समय पर करवाया गया व्हील अलाइंमेंट और बैलेंसिंग टायरों की लाइफ बढ़ाता है.
एयर प्रैशर का सही होना भी टायरों के लिए जरूरी है. टायरों को समय समय पर रोटेट करते रहें.
एयर प्रैशर का सही होना भी टायरों के लिए जरूरी है. टायरों को समय समय पर रोटेट करते रहें.

नई दिल्ली. अक्सर कार में सबसे ज्यादा नजरअंदाज अगर कोई पार्ट किया जाता है वो हैं टायर्स. हालांकि टायर एक ऐसा पार्ट है जो कार की लाइफ लाइन के तौर पर काम करता है. इसी पर पूरी गाड़ी टिकी होती है, यहां तक की ये हर मौसम की मार सीधे सड़क पर झेलता है. वो भी तेज स्पीड और भयंकर तापमान के बीच. इसलिए टायरों की केयर करना भी जरूरी है. टायर में आई छोटी मोटी खराबी को भी नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है और ये बड़े हादसे तक का सबब बन सकता है.

टायरों की केयर का सीधा मतलब है कि उनकी हालत पर नजर रखना और उनसे जुड़े पार्ट्स व सर्विसिंग को समय पर करवाते रहना. घिसते हुए टायरों को देख केवल ये सोचना कि ये अभी तो चलेंगे, गलत साबित होता है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखते हुए हम टायर की लाइफ भी बढ़ा सकते हैं और सुरक्षित भी रह सकते हैं.

थ्रेड्स की जांचः टायरों में हमेशा 3 एमएम के थ्रेड्स होना जरूरी है, आसान भाषा में समझें तो टायरों में बनी धारियों की गहराई 3 एमएम की होनी चाहिए. इससे आपकी गाड़ी की ग्रिप सड़क पर बरकरार रहेगी. इससे कम ग्रिप होने पर टायर के पंचर होने, फटने या फिर स्लिप होने का खतरा हमेशा बना रहता है. इससे कम ग्रिप होने पर तुरंत टायरों को बदलवाएं.

एयर प्रैशरः कार के टायरों में एयर प्रैशर हमेशा सही होना चाहिए. गर्मियों में टायरों का प्रैशर 32 पीएस का रखें और सर्दियों में इसे 35 पीएस कर लें. गर्मियों में क्योंकि तापमान ज्यादा होता है ऐसे में गाड़ी के टायरों में मौजूद हवा का दबाव बढ़ता है. वहीं सर्दियों में ये दबाव कम रहता है. टायरों में सही प्रैशर होने से आपकी गाड़ी के टायर कम घिसेंगे और पंचर होने का खतरा भी नहीं रहेगा.

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अलाइंमेंट और बैलेंसिंगः कार का समय समय पर व्हील अलाइंमेंट और बैलेंसिंग करवाएं. ये अवधि सामान्य तौर पर हर 5 हजार किमी. में होनी चाहिए. यदि आप खराब रास्तों पर ज्यादा चलते हैं तो 3 हजार किमी. पर ऐसा करवाएं. व्हील अलाइंमेंट या बैलेंसिंग खराब होने के चलते टायर ज्यादा तो घिसेंगे ही, साथ ही ये कम ज्यादा के रेश्यो में घिसेंगे, जिससे आपकी गाड़ी के चलने में फर्क आने के साथ ही टायरों की लाइफ काफी कम हो जाएगी.

ट्यूब न डलवाएंः कई बार टायर नया होते हुए भी साइड कट या थ्रेड कट जैसी परेशानियों के कारण पूरी तरह से खराब हो जता है. ऐसे में लोकल पंचर लगाने वाले आपको ट्यूबलैस टायर में ट्यूब डलवाने के लिए कहते हैं. ऐसा बिल्कुल न करें क्योंकि ऐसा करने से आपके एक टायर का भार बढ़ जाएगा और गाड़ी का अलाइंमेंट खराब होगा. साथ ही बाकि के टायर जल्दी घिसेंगे. ऐसे में जो टायर खराब हो गया है उसे बदलवा लें.

रोटेट करते रहें टायरः टायरों का आगे पीछे रोटेशन बहुत जरूरी है. कारों का इंजन आगे होने और ज्यादातर गाड़ियों के फ्रंट व्हील ड्राइव होने के चलते सबसे ज्यादा मार आगे वाले टायरों पर पड़ती है. ऐसे में वे जल्दी घिसते हैं. रोटेशन करने से टायर समान घिसेंगे और उनकी लाइफ बढ़ेगी. ऐसा करने से कार का अलाइंमेंट भी लंबे समय तक बरकरार रहेगा.

Tags: Auto News, Car Bike News



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