क्या भारत रूस से तेल खरीदना बंद करेगा?: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जवाब दिया- हम जहां से चाहेंगे, वहां से तेल खरीदेंगे

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3 मिनट पहले

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केंद्रीय पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ऐसा किसी भी देश ने नहीं कहा है कि रूस से भारत तेल न खरीदे। मंत्री ने कहा कि सबसे सुविधाजनक सोर्सेस से तेल की खरीद के पीछे स्पष्ट कारण यह है कि इंडियन कंज्यूमर पॉपुलेशन इस प्रकार की चर्चा में शामिल नहीं हो सकती है।

पुरी ने वाशिंगटन DC में भारतीय पत्रकारों के एक ग्रुप को जवाब दिया, जहां उन्होंने जो बाइडन प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा, ‘भारत जहां से चाहेगा, वहां से तेल खरीदेगा। इसका सीधा सा कारण है कि इस तरह की चर्चा को भारत की कंज्यूमर पॉपुलेशन तक नहीं ले जाया जा सकता। क्या मुझे किसी ने रूसी तेल खरीदना बंद करने के लिए कहा है? जवाब है एक स्पष्ट ‘नहीं’।’

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एनर्जी की कीमतें बढ़ीं
रूस-यूक्रेन युद्ध ने ग्लोबल एनर्जी सिस्टम को बाधित कर दिया है, क्योंकि खराब व्यापारिक संबंधों के कारण सप्लाई और डिमांड पैटर्न प्रभावित हुए थे। युद्ध के कारण दुनिया भर में कई कंज्यूमर और बिजनेस के लिए एनर्जी की कीमतें बढ़ गईं हैं, जिससे घरों, इंडस्ट्रीज और कई देशों की इकोनॉमी को नुकसान पहुंचा है। पश्चिमी देशों ने धीरे-धीरे रूस से अपनी एनर्जी खरीद कम कर दी है।

हालांकि, एनर्जी की बढ़ती कीमतों के प्रभावों को अवशोषित करने के लिए रूस से भारत के कच्चे तेल का आयात अप्रैल के बाद से 50 गुना से ज्यादा बढ़ गया है, क्योंकि यह विदेशों से खरीदे गए सभी कच्चे तेल का 10% था। यूक्रेन युद्ध से पहले रूसी तेल आयातित सभी तेल का केवल 0.2% था।

जहां से भी तेज खरीदना चाहते हैं, वहां से खरीद लेंगे
रूस से तेल खरीदने पर भारत के रुख के बारे में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यदि आप अपनी नीति के बारे में स्पष्ट हैं। जिसका मतलब है कि आप एनर्जी सिक्योरिटी और एनर्जी अफोर्डेबिलिटी में विश्वास करते हैं, तो आप जहां से भी तेज खरीदना चाहते हैं, वहां से खरीद लेंगे।” बैठक के दौरान पुरी ने भारत-अमेरिका ग्रीन कॉरिडोर के विचार के बारे में भी बात की। इतना ही नहीं उन्होंने एक न्यायसंगत और स्थायी ऊर्जा संक्रमण में तेजी लाने के लिए अमेरिका और भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश भी डाला।

केंद्रीय मंत्री 6 से 11 अक्टूबर तक वाशिंगटन DC और ह्यूस्टन में एक ऑफिशियल बिजनेस डेलीगेशन का नेतृत्व कर रहे हैं। वाशिंगटन में अपने प्रवास के दौरान उन्होंने विश्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के लिए राष्ट्रपति के दूत अमोस होचस्टीन और व्हाइट हाउस के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उनका शनिवार को ह्यूस्टन में ऊर्जा व्यवसाय के नेताओं से मिलने का प्रोग्राम है।

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