कौन हैं भारतीय मूल के ऋषि सुनक जिन्होंने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया है


Rishi Sunak

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ऋषि सुनक ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की है। उन्होंने ‘गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक’ काम भी किया है। इसी दौरान उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से होती है। अक्षता मूर्ति इंफोसिस के सह संस्थापक नारायणमूर्ति की बेटी हैं।

राजनीतिक उठापटक के बीच भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं। उन्हें किंग चार्ल्स तृतीय की ओर से प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। 42 वर्षीय ऋषि सुनक ब्रिटेन के 210 साल के इतिहास में सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं। इतना ही नहीं, ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं। वह इंग्लैंड में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले प्रधानमंत्री हैं। अब हम आपको बताते हैं कि आखिर ऋषि सुनक हैं कौन, इनका भारत से क्या नाता है? ऋषि सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेंप्टन में हिंदू भारतीय परिवार में हुआ था। उनके दादा-दादी का ताल्लुक पंजाब से था। उनका परिवार अफ्रीका से इंग्लैंड पहुंचा था। ऋषि सुनक की मां फार्मेसिस्ट थी जबकि पिता डॉक्टर थे। यही कारण था कि उन्होंने इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक विंचेस्टर से पढ़ाई की। इसके बाद आगे पढ़ने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय चले गए।

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ऋषि सुनक ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की है। उन्होंने ‘गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक’ काम भी किया है। इसी दौरान उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से होती है। अक्षता मूर्ति इंफोसिस के सह संस्थापक नारायणमूर्ति की बेटी हैं। दोनों ने 2009 में शादी की और फिलहाल दंपत्ति की दो बेटियां हैं जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का है। ऋषि सुनक की राजनीतिक पारी 2015 में शुरू हुई जब वह रिचमंड, यॉर्कशायर से संसद सदस्य बने। वह तब सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने भगवत गीता पर सांसद के रूप में शपथ ली थी। उन्हें थेरेसा मे की सरकार में भी कैबिनेट में जगह दी गई थी। इसके बाद बोरिस जॉनसन की सरकार में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई। ऋषि सुनक को ब्रिटेन का वित्त मंत्री बनाया गया।

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जब बोरिस जॉनसन ने कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया, तो सुनक ने लाखों नौकरियां बचाने के लिए एक व्यापक राहत पैकेज तैयार किया। जॉनसन के करीबी माने जाने वाले सुनक अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में पूर्व प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व से ठीक विपरीत शख्सियत प्रतीत होते रहे। ऋषि सुनक की पिछले साल दिवाली मनाते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। आपको बता दें कि ऋषि सुनक हिंदू संस्कृति और सभ्यता पर गर्व करते हैं। वह अक्सर अपनी विरासत के बारे में बात करते हैं और बताते हैं कि कैसे उनके परिवार ने उन्हें मूल्यों और संस्कृति के बारे में याद दिलाया। वह शराब का सेवन नहीं करते हैं। सुनक के जब सितारे चमक रहे थे तब ब्रिटेन की पत्रिकाएं उन्हें ‘डिशी ऋषि’ यानी ‘आकर्षक ऋषि’ कहते थे। 

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मगर उनकी पत्नी अक्षता की कर स्थिति और दौलत के साथ-साथ ‘पार्टीगेट’ कांड में उनका नाम आने और लाखों लोगों के लिए कर बढ़ाने के सुनक के कदम की कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा आलोचना ने उनकी स्थिति बदली और उन्हें ‘फिशी ऋषि’ यानी ‘संदिग्ध ऋषि’ कहा जाने लगा। सुनक दंपति की वित्तीय स्थिति हाल ही में जांच के दायरे में तब आई, जब यह पता चला कि अक्षता अब भी भारतीय नागरिक हैं और उनकी ब्रिटेन में गैर-अधिवासित स्थिति है। इस वजह से उन्हें विदेशी कमाई पर यहां कर नहीं देना पड़ता है और वह भारत वापस जाने की योजना बना रही हैं। अक्षता के गैर-अधिवासी होने की वजह से वह इंफोसिस के शेयर से मिलने वाले लाभांश पर लगभग दो करोड़ पाउंड का कर बचा पाईं। इस साल प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचार के दौरान सुनक को कई मोर्चों पर आलोचना का सामना करना पड़ा, जिनमें आलीशान घर, महंगे कपड़े और जूते शामिल थे। 

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