केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश की बताकर हेलिकॉप्टर ब्लास्ट की पुरानी तस्वीर शेयर


18 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ जा रहे एक हेलीकॉप्टर में सवार 7 लोगों की एक दुर्घटना में मौत हो गई थी. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) द्वारा बचाव और तलाशी अभियान चलाया गया था. इसमें बताया गया कि दुर्घटना कोहरे की वजह से हुई थी. घटना के तुरंत बाद इसकी खबर और शोक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. ज़्यादातर ट्वीट्स में तीन तस्वीरें थीं. काफी ज़्यादा शेयर की जा रही इन तस्वीरों में से एक तस्वीर में हवा में हेलीकॉप्टर ब्लास्ट होते हुए दिख रहा है.

हस्तिनापुर के विधायक दिनेश कार्तिक के ट्वीट में मेसेज के साथ तस्वीरें भी थीं. इसमें लिखा था, बाबा केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर क्रैश में कई लोगों के हताहत होने की खबर बेहद कष्टदायी है. इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. ईश्वर सभी को संबल प्रदान करें. #केदारनाथ #हेलीकॉप्टर क्रैश.”

आम आदमी पार्टी के विधायक मुकेश अहलावत ने हताहतों की संख्या पर दुख व्यक्त करते हुए यही तस्वीरें ट्वीट कीं.


पत्रकार सुह्रिद तिवारी ने भी हेलीकॉप्टर में सवार यात्रियों की मौत पर दुख जताया. उन्होंने भी शोक संदेश के साथ यही तस्वीरें ट्वीट कीं:


इसी तरह कई और यूज़र्स हवा में ब्लास्ट हो रहे हेलीकॉप्टर की तस्वीर शेयर की. इस लिस्ट में भाजपा विधायक PN पाठक, उत्तर प्रदेश के पूर्व PWD मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, अधिवक्ता जितेंद्र बघेल, भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया, कांग्रेस विधायक इंद्रराज गुर्जर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी राहुल गुर्जर, भाजपा OBC मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नायब सैनी और भाजपा विधायक केदार हाजरा शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

जलते हुए हेलीकॉप्टर की तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च करने से पता चला कि उसी तस्वीर का इस्तेमाल कई सालों से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर रिपोर्ट करने वाली कई स्टोरीज़ को रिप्रेज़ेंट करने के लिए किया गया था. गूगल इमेज सर्च करने पर रिज़ल्ट में दिखा कि कश्मीर की एक स्टोरी में मार्च 2022 में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन साथ ही ये डिस्क्लेमर भी दिया गया था कि ये तस्वीर स्टोरी रिप्रेज़ेंट करने के लिए दी गई है. रिवर्स इमेज सर्च से दो और रिज़ल्ट भी सामने आए. दोनों माइक्रोसॉफ्ट बिंग और यांडेक्स से ली गई थी. इसमें 2021 में अलास्का में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर एक रिपोर्ट का ज़िक्र किया गया था और इसमें जलते हुए हेलीकॉप्टर की एक ही तस्वीर थी.

गूगल सर्च रिज़ल्ट में ये भी सामने आया कि फ़ोटो को आईस्टॉक पर अपलोड किया गया था और यूज़र ‘जियोकाल्ड’ को क्रेडिट दिया गया था. हालांकि, Alamy पर, अच्छी स्थिति में उसी हेलीकॉप्टर की तस्वीर 2012 में अपलोड की गई थी. फ़ोटो क्रेडिट में फ़ोटोग्राफ़र, जियोर्जियो काल्डेराटो का पूरा नाम दिया गया था. नीचे Alamy पर अपलोड की गई तस्वीर और अलग-अलग न्यूज़ रिपोर्ट्स में इस्तेमाल की गई तस्वीरों की तुलना की गई है:


दोनों तस्वीरों में कुछ अंतर नोटिस किया जा सकता है:

  1. हेलीकॉप्टर विस्फोट की तस्वीर में धुएं के रंग में एकरूपता का अभाव है.
  2. हेलीकॉप्टर की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं दिखता है, चाहे पीछे लगे पंखे में हो या रोटर में.

ऊपर दी गई दो चीजें इस फ़ैक्ट की तरफ इशारा करते हैं कि वायरल तस्वीर में हेरफेर किया जा सकता है.

इसके अलावा, ट्वीट्स में केदारनाथ दुर्घटना की दूसरी तस्वीरों को करीब से देखने पर, हेलिकॉप्टर के अवशेष दिखते हैं. यहां देखा जा सकता है कि हेलिकॉप्टर की बॉडी नीले रंग की है. साथ में सफ़ेद बैंड्स भी है. हालांकि, हेलीकॉप्टर विस्फ़ोट की तस्वीर में, हेलिकॉप्टर मेटैलिक रंग का है जिसमें कुछ केसरी रंग के बैंड्स हैं. इसके अलावा, दुर्घटनाग्रस्त अवशेषों में हेलीकॉप्टर के पीछे रोटर मौजूद नहीं है, लेकिन वायरल तस्वीर में मौजूद है. नीचे तुलना देखी जा सकती है:


इस तस्वीर के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने जियोर्जियो काल्डेराटो से संपर्क किया जिनके बारे में Alamy पर ज़िक्र किया गया था. उन्होंने पुष्टि की कि ये तस्वीर उन्होंने फोटोशॉप के इस्तेमाल से बनाई थी. उन्होंने बताया, “ये तस्वीर असली नहीं है. इसे मैंने बनाया था. इसे कमर्शियल वजह से बेचा गया था.”

कुल मिलाकर, ये कहा जा सकता है कि हवा में धधकते हेलीकॉप्टर की तस्वीर, तीर्थयात्रियों को केदारनाथ ले जा रहे दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर की नहीं है. ये एक पुराना स्टॉक फोटो है जिसका इस्तेमाल कई बार रिप्रजेंटेशन करने के लिए किया जाता है.

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