केंद्र सरकार का पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं: वित्त राज्यमंत्री


वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र और पेंशन निधि नियामक तथा विकास प्राधिकरण को बताया है.

वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड. (फोटो साभार: फेसबुक/@BhagwatjiKarad)

नई दिल्ली: वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने सोमवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.

उन्होंने लोकसभा को एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी.

ज्ञात हो कि पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलती है. इसके तहत कर्मचारी को अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलने का प्रावधान है. हालांकि पेंशन की राशि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत अंशदायिता वाली होती है जो 2004 से प्रभाव में है.

कराड ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने के अपने फैसले से केंद्र सरकार को और पेंशन निधि नियामक तथा विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को अवगत कराया है.

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने 18 नवंबर, 2022 को सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस के कार्यान्वयन के संबंध में अधिसूचना जारी की है, जो वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत हैं. उन्होंने जोड़ा, ‘पंजाब सरकार से अब तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.’

इन राज्य सरकारों के प्रस्तावों के जवाब में पीएफआरडीए ने संबंधित राज्यों को सूचित किया है कि सरकार के और कर्मचारी के अंशदान के रूप में जमा राशि को राज्य सरकार को लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने आगे जोड़ा, ‘पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए भारत सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.’

ज्ञात हो कि साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ओपीएस को बंद करने का फैसला किया था और एनपीएस की शुरुआत की थी. एक अप्रैल, 2004 से केंद्र सरकार की सेवा (सशस्त्र बलों को छोड़कर) में शामिल होने वाले सभी नए कर्मचारियों पर लागू होने वाली यह योजना एक भागीदारी योजना है, जहां कर्मचारी सरकार के साथ मिल-जुलकर अपने वेतन से पेंशन कोष में योगदान करते हैं.

पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने एनपीएस लागू किया था. इस साल विपक्ष शासित छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड और पंजाब ने घोषणा की है कि वे ओपीएस को बहाल करेंगे. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में ओपीएस एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उभरा था.

समय-समय पर कई कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए प्रदर्शन करते रहे हैं. बीते महीने ही केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियन के एक महासंघ ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते हुए कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि नई पेंशन योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे में आपदा के समान है.

उधर, एक अलग प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि भारतीय नोटों पर स्वतंत्रता सेनानियों, प्रतिष्ठित हस्तियों, देवी-देवताओं, जानवरों आदि की फोटो शामिल करने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं.

कांग्रेस सांसद ए. एंटनी ने पूछा था कि क्या सरकार को भारतीय करेंसी नोटों पर अधिक फोटो (लक्ष्मी और गणेश की छवियों सहित) को शामिल करने के लिए कोई अनुरोध/अभ्यावेदन प्राप्त हुआ है. इस पर चौधरी ने हामी भरी.

उन्होंने आगे जोड़ा, ‘…करेंसी नोटों पर तस्वीर के संबंध में कई अनुरोध/सुझाव प्राप्त हुए हैं. आरबीआई ने इस संबंध में 6 जून, 2022 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया कि मौजूदा मुद्रा और बैंक नोटों में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *