किसान जैविक खेती के लिए ले रहे एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म से सीख, जानिए इसके बारे में सबकुछ

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एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म राइस केक मेकर की ये खासियत- India TV Hindi

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एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म राइस केक मेकर की ये खासियत

टेक्नोलॉजी के इस जमाने में जागरूकता बढ़ने के साथ लोग उन चीजों को खाने से दूरी बढ़ाने लगे हैं, जो रासायनिक हैं, या फिर स्वास्थ्यवर्धक नहीं हैं। लोग पिज्जा, बर्गर या केक पेस्ट्री का भी विकल्प तलाश कर रहे हैं। ऐसे में एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म ने राइस केक एवं फलो के स्वाद वाले पीनट बटर के साथ ऑर्गेनिक फिटनेस फूड बाजार में लाकर लोगों की तलाश पूरी कर दी है।

बीते कई वर्षों से ताजा, पौष्टिक एवं रसायनमुक्त उत्पादों के लिये एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म एक जाना पहचाना नाम है। यह फार्म देश की पहली जैविक कंपनी होने के साथ ही एशिया का तेजी से उभरता हुआ ब्रांड भी है।

कब हुई इसकी शुरुआत?

गोवा में स्थित इस फार्म को लंदन से भारत आये दंपत्ति डेविड गॉवर और माइकेला केलेमन ने वर्ष 1993 में शुरू किया था। दरअसल, यह दंपत्ति बहुत पहले भारत आये और भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर इन्होंने यहां बसने का मन बना लिया। गोवा में अपना ठिकाना बनाते हुए इन्होंने जैविक उत्पादों के लिये एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म की शुरूआत की। उसी दौरान दंपत्ति की मुलाकात 16 वर्षीय जनार्दन खोराटे से से हुई जो एक संवेदनशील एवं दृढ़ निश्चयी थे। जनार्दन खोराटे एक साधारण परिवार से थे, जो अपनी इच्छा शक्ति एवं अलग सोच से हालात बदलना चाहते थे। उनकी इसी प्रतिभा से प्रभावित होकर विदेशी दंपत्ति ने वर्ष 2008 में एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म उनके हवाले कर दिया। जबसे खोराटे ने एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म को संभालना शुरू किया यह कंपनी काफी तेजी से आगे बढ़ती चली गई। इसका उदाहरण है कि 10 लाख से शुरू की गई कंपनी 40 करोड़ की बन चुकी है।

2015 में मिली उपलब्धि

बाजार की मांग को देखते हुए जनार्दन खोराटे ने नये-नये जैविक उत्पादों को लाना शुरू कर दिया, जो लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है। वर्ष 2015 में  एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म देश की पहली राइस केक निर्माता कंपनी बनी और साथ ही फलों के स्वाद वाले पीनट बटर का निर्माण भी शुरू किया। खोराटे ने राइस केक और अन्य जैविक फिटनेस खाद्य पदार्थों को लॉन्च करने के लिए अपने बाजार ज्ञान और अपनी इच्छा शक्ति का इस्तेमाल किया, जिसके चलते उन्हें ‘सलादबाबा’ के नाम से भी जाना जाता है।



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