किन कारणों से चली जाती है याददाश्त या चीजें भूलने लगते हैं लोग, इसका उम्र से कितना संबंध है?


What is Alzheimer and its cause: भूल जाना एक आम समस्या है. जैसे, हम किसी का नाम भूल जाते हैं और तुरंत से याद नहीं आ पाता, गाड़ी की चाबी रखकर भूल जाते हैं या पेन और चश्मा जैसी रोज काम में आने वाली चीजों को रखते हैं और थोड़ी ही देर में भूल जाते हैं कि हमने इन्हें कहां रखा था. ये समस्याएं हैं तो याददाश्त से संबंधित लेकिन इनका स्तर यह नहीं है कि इन्हें गंभीर बीमारी माना जाए (Forgetfulness). क्योंकि ये समस्याएं ओवर थिंकिंग (Overthinking) की वजह से होती हैं. ओवर थिंकिंग भी एक मेंटल प्रॉब्लम (Mental problem) है, जिसे सायकाइट्रिस्ट या सायकोलोजिस्ट की मदद से आराम से ठीक किया जा सकता है.

अब सवाल यह उठता है कि अगर ये समस्याएं होना नॉर्मल है तो फिर भूलने की बीमारी क्या है? तो भूलने की गंभीर बीमारी का अर्थ है कि इस स्थिति में चीजें भूल जाना आपकी लापरवाही के कारण नहीं होता है या बहुत अधिक व्यस्तता के कारण नहीं होता है. बल्कि आपके ब्रेन में हो रहे कुछ ऐसे बदलावों के कारण होता है, जो याददाश्त संबंधी समस्या पैदा कर रहे हैं. यहां ऐसी ही एक समस्या है अल्जाइमर, जो आमतौर पर बुढ़ापे में होती है और इसमें व्यक्ति डेली लाइफ से जुड़ी चीजें भी भूल जाता है. हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer Day 2022) मनाया जाता है. यहां जानें भूलने की ये बीमारी लाइफ को कैसे प्रभावित करती है और ऐसी कौन-सी घटनाएं हैं, जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में याददाश्त जाने की वजह बन सकती हैं.

क्यों होती है भूलने की बीमारी?
भूलने की बीमारी का एक बड़ा कारण बढ़ती उम्र होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब उम्र बढ़ने लगती है तो दिमाग की कोशिकाएं (Brain Cells) सूखने लगती हैं, जिससे ब्रेन में सही मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है और याददाश्त संबंधी समस्या का जन्म होता है. हालांकि यह भूलने की बीमारी का एक मात्र कारण नहीं है. ऐसे कई अन्य फैक्टर हैं…

1. अल्जाइमर (Alzheimer): यह एक न्यूरॉलजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ने के कारण याददाश्त कमजोर हो जाती है. इसमें व्यक्ति उन कामों को करना भी भूल जाता है, जिन्हें वह बचपन से या फिर पिछले कई दशकों से करता आ रहा है. जैसे, पैसे गिनना, कपड़े पहनना, अपने लिए सही कपड़ों का चुनाव करना इत्यादि.

2. बढ़ती उम्र: मेडिकली 60 साल की उम्र के बाद व्यक्ति के शरीर की कार्यक्षमता और महत्वपूर्ण अंगों की कार्यक्षमता घटने लगती है. इनमें ब्रेन भी शामिल है. 65 साल की उम्र के बाद हर 5 साल में अल्जाइमर होने का खतरा दोगुना बढ़ा जाता है. यह डेटा यूनाइटेड किंगडम की नेशनल हेल्थ सर्विस द्वारा लंबे शोध पर आधारित है.

3. ऐज और स्ट्रेसफुल लाइफ: बढ़ती उम्र में यदि व्यक्ति के जीवन में किसी भी कारण से बहुत अधिक तनाव रहने लगता है और यह तनाव (Stress) सालों साल बना रहता है, तब भी याददाश्त संबंधी समस्या हो सकती है. जैसे, किसी बुजुर्ग का परिवार उसे अकेला छोड़ दे, बच्चे ध्यान ना दें, घर में उसकी कोई केयर ना हो. तो इस तरह स्थिति में व्यक्ति पहले इमोशनल ट्रॉमा से गुजरता है और फिर धीरे-धीरे उसका ब्रेन डिप्रेशन और मेमॉरी संबंधी समस्याओं की तरफ बढ़ सकता है.

4. कोई हादसा: यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बड़ी उम्र कोई ऐसा बुरा हादसा हो जाए, जो उसे मानसिक और भावनत्मक रूप से तोड़ दे, तब भी व्यक्ति याददाश्त संबंधी समस्या का शिकार हो सकता है. ऐसा गहरा भावनात्मक आघात लगने से होता है. जैसे, बिजनस डूब जाना, किसी हादसे में परिवार खो देना इत्यादि.

5. सिर की चोट: किसी भी तरह के ऐक्सिडेंट के चलते यदि सिर में गहरी चोट लग जाती है और इससे दिमाग का याददाश्त को स्टोर करने वाला हिस्सा हिप्पोकैंपस (Hippocampus) क्षतिग्रस्त हो जाता है, तब भी व्यक्ति को याददाश्त संबंधी समस्या हो सकती है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

 

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