कानपुर में सेप्टिक टैंक में उतरे तीन और गुड़गांव में दो लोगों की मौत



कानपुर/गुड़गांव: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर क्षेत्र में रविवार को एक सेप्टिक टैंक की शटरिंग हटाते वक्त जहरीली गैस के संपर्क में आने से तीन लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.

पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी) विजय ढुल ने बताया कि चौबेपुर के निवासी नंदू (18 वर्ष), उसका बड़ा भाई मोहित (24 वर्ष) और पड़ोस में रहने वाला 16 वर्षीय साहिल बिठूर क्षेत्र में कुछ महीने पहले बने एक सेप्टिक टैंक की शटरिंग हटाने के लिए उसमें दाखिल होने के बाद जहरीली गैस के संपर्क में आने से बेहोश हो गए.

उन्होंने बताया कि साहिल शटरिंग हटाने के लिए टैंक में उतरा था, लेकिन जहरीली गैस की वजह से वह बेहोश हो गया. उसे बचाने के लिए नंदू और मोहित भी टैंक में उतर गए लेकिन वे भी बेहोश हो गए.

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने तीनों को बाहर निकाला और उन्हें लाला लाजपत राय अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

पुलिस उपायुक्त ने कहा कि मृतकों के परिजन की शिकायत पर मामला दर्ज किया जाएगा.

मालूम हो कि बीते सितंबर महीने में कानपुर शहर के बर्रा इलाके में एक निर्माणाधीन मकान में बन रहे ‘सेप्टिक टैंक’ की जहरीली गैस के संपर्क में आने से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी.

गुड़गांव में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो लोगों की दम घुटने से मौत

गुड़गांव के एक गांव में एक घर के सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से एक सफाई कर्मचारी और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘दोनों लोग सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए बिना किसी सुरक्षा उपकरण के घुस गए थे. जहरीली गैस के कारण उनका दम घुटने लगा और वह बेहोश हो गए. उन्हें टैंक से बाहर निकालने के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. यह घटना मोहम्मदपुर झाड़सा गांव की है.’

पुलिस ने कहा कि पीड़ितों की पहचान आगरा के दिलीप (45 वर्ष) और स्थानीय दर्जी शाहबुद्दीन (29 वर्ष) के तौर पर की गई है.

पुलिस के मुताबिक, मृतकों के परिवारों ने आरोप लगाया कि दोनों की हत्या की गई है और उन्होंने घर के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

पुलिस ने यहां सेक्टर 37 थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-304 ए (लापरवाही के कारण मौत) के तहत एफआईआर दर्ज की है.

दमकल अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों को सेप्टिक टैंक से बाहर निकालने में लगभग चार घंटे का समय लगा.

जांच अधिकारी सहायक पुलिस उप-निरीक्षक जसवंत सिंह ने कहा कि घटना के संबंध में दर्ज मामले की जांच की जा रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)





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