18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलॉन्ग दौरे पर थे जहां उन्होंने 2,450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. शिलॉन्ग में प्रधानमंत्री ने पारंपरिक खासी पोशाक पहनी थी. इस पोशाक में उनकी एक तस्वीर शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी ने जो पोशाक पहनी है, वो महिलाएं पहनती हैं.
गुजरात कांग्रेस के चेयरमैन हितेन्द्र पिथाड़िया ने दो तस्वीरों का एक कोलाज ट्वीट किया जिसमें नरेन्द्र मोदी की तस्वीर के साथ एक ऑनलाइन स्टोर का स्क्रीनशॉट है. इसमें दिखाया गया है कि यही पोशाक एक लड़की ने पहन रखी है और ये ऑनलाइन स्टोर पर उपलब्ध है. इस ट्वीट के माध्यम से ये दर्शाने की कोशिश की गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की पोशाक पहनी है. बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर लिया. (आर्काइव लिंक)
यूनाइटेड विथ कांग्रेस नाम के हैंडल ने भी ये कोलाज शेयर किया. (आर्काइव लिंक)
तृणमूल कांग्रेस नेता व पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद ने भी ये तस्वीर शेयर करते हुए PM मोदी का मज़ाक उड़ाया था. बाद में उन्होंने भी ये ट्वीट डिलीट कर लिया. (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
हमने वायरल कोलाज में PM मोदी और ऑनलाइन स्टोर के स्क्रीनशॉट की तस्वीर को गौर से देखा. ऑनलाइन स्टोर का स्क्रीनशॉट साफ़ तौर पर एडिट किया हुआ मालूम पड़ता है क्योंकि दोनों तस्वीर में पोशाक, उसकी क्रीज़, इत्यादि मेल खा रही है. यानी, नरेंद्र मोदी द्वारा पहनी गई पोशाक को काटकर इसे एक महिला की तस्वीर के साथ जोड़ा गया है. नीचे दिए विजुअल कम्पेरिजन से इसे बेहतर समझा जा सकता है.
हमने वायरल स्क्रीनशॉट में मौजूद पोशाक के डिसक्रिप्शन को गूगल पर सर्च किया. हमें Sheroline Wear नाम की वेबसाइट पर ऐसा ही एक पेज मिला. इस वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर और डिसक्रिप्शन का मिलान हमने वायरल स्क्रीनशॉट से किया तो पाया कि इसे ही एडिट कर बदला गया है इस वेबसाइट से ली गई तस्वीर पर नरेंद्र मोदी द्वारा पहना गया खासी पोशाक जोड़ा गया है. इस वेबपेज पर कपड़ों के दाम, पेमेंट मोड, मॉडल के खड़े होने का स्टाइल, इत्यादि बिल्कुल वायरल स्क्रीनशॉट से मेल खाते हैं. नीचे दिए गए विजुअल कम्पेरिजन से इसे बेहतर समझा जा सकता है.
कुल मिलाकर, तृणमूल कांग्रेस नेता कीर्ति आज़ाद, कांग्रेस नेता हितेन्द्र पिथाड़िया समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने नरेंद्र मोदी द्वारा शिलॉन्ग में पहनी गई खासी पोशाक की एडिटेड तस्वीर शेयर कर इसे महिलाओं का पोशाक बताया गया.
बाद में कीर्ति आज़ाद ने सफाई देते हुए एक अन्य पोस्ट डाला और माफ़ी मांगी.
My recent tweet was misconstrued. It hurt sentiments of the people. To them I say sorry. have immense respect & pride for our diverse cultures. I regret the hurt caused by my unintentional remark. I reiterate my pledge to work to uphold our constitutional values always
— Kirti Azad (@KirtiAzaad) December 23, 2022
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