कनाडा में तथाकथित ख़ालिस्तानी जनमत संग्रह से नाराज़ भारत ने कहा- सतर्क रहें भारतीय नागरिक


कनाडा में हुए ‘तथाकथित ख़ालिस्तानी जनमत संग्रह’ को आपत्तिजनक बताने के बाद भारत ने कनाडा में बढ़ते हेट क्राइम और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि का हवाला देते हुए वहां रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों को सचेत रहने की सलाह दी है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: भारत ने कनाडा में ‘तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह’ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि यह ‘बेहद आपत्तिजनक’ है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी गई.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि भारत ने इस मामले को राजनयिक माध्यमों से कनाडा के प्रशासन के समक्ष उठाया है और इस मुद्दे को कनाडा के समक्ष उठाना जारी रखेगा.

उन्होंने तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह को फर्जी कवायद करार दिया. उन्होंने इस संबंध में वहां हुई हिंसा का भी उल्लेख किया.

बागची ने कहा कि कनाडा ने भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही है, लेकिन यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी जा रही है.

प्रवक्ता के अनुसार, कनाडा सरकार ने कहा है कि वे उनके देश में हो रहे तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देते हैं.

मिंट की खबर के अनुसार, 19 सितंबर को खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस द्वारा ब्रैम्पटन, ओंटारियो में आयोजित किए गए खालिस्तान जनमत संग्रह में 1,00,000 से अधिक कनाडाई सिखों ने भाग लिया था. सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए वोट करने के लिए कतार में खड़े नजर आ रहे थे.

सिख फॉर जस्टिस को भारत में 2019 में एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया था. अपने अलगाववादी एजेंडा के तौर पर यह संगठन खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह अभियान चलाता है.

कनाडा में हिंसा, भारत विरोधी गतिविधियां को लेकर भारतीय नागरिक, छात्र सतर्क रहें: मंत्रालय

इसी दौरान, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कनाडा में घृणा अपराध (हेट क्राइम), नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है, ऐसे में वहां भारतीय नागरिकों और छात्रों को सचेत एवं चौकस रहने की सलाह दी जाती है.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, कनाडा में भारत के नागरिकों एवं छात्रों के लिए जारी परामर्श में कहा गया कि कनाडा में घृणा अपराध, नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है. विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग एवं महावाणिज्य दूतावास ने वहां के प्रशासन के समक्ष इन घटनाओं को उठाया है और ऐसे अपराध की जांच करने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

इसमें कहा गया है कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को कनाडा में अब तक न्याय के कठघरे में नहीं खड़ा किया गया है.

मंत्रालय ने कहा, ‘ऐसे अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए कनाडा में भारतीय नागरिकों एवं छात्रों तथा वहां यात्रा/शिक्षा के लिए जाने वालों को सचेत एवं सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.’

बयान में कहा गया है कि कनाडा में भारतीय नागरिक एवं छात्र ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वेंकूवर में महावाणिज्य दूतावास के साथ संबंधित वेबसाइट या ‘मदद पोर्टल’ पर पंजीकरण करा सकते हैं.

इसमें कहा गया है कि पंजीकरण कराने से उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास के लिए किसी भी जरूरत या आपात स्थिति में कनाडा में भारतीय नागरिकों से बेहतर ढंग से संपर्क करना सुगम होगा.

एनडीटीवी के अनुसार, बीते हफ्ते टोरंटो के एक प्रमुख हिंदू मंदिर पर कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारत विरोधी ग्राफिटी बनाकर उसे विरूपित करने का मामला सामने आया था. भारत ने इस घटना को घृणा अपराध करार देते हुए कनाडाई अधिकारियों से आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया था.

इससे पहले जुलाई महीने ओंटारियो में रिचमंड हिल में महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ दी गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)





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