एंग्जायटी डिसऑर्डर की समस्या होती जा रही गंभीर, इन लक्षणों से करें इसकी पहचान


एक ऐसी बीमारी जो अच्छे-खासे दिखने वाले लोगों को भीतर से बीमार कर रही है वो देश में तेजी से फैल रही है. ये है एंग्जायटी डिसऑर्डर, जिसकी वजह से टीनेजर से लेकर सभी उम्र के लोग इस गंभीर समस्या का शिकार हो रहे हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के मुताबिक, भारत में एंग्जायटी डिसऑर्डर सबसे कॉमन और तेजी से फैलने वाली बीमारी है. देश के लगभग 40 मिलियन यानी करीब 4 करोड़ युवा इस बीमारी से चपेट में हैं. जबकि इस 4 करोड़ में से करीब 40 पर्सेंट लोगों को ही इस बीमारी का पता लगता है और वो ट्रीटमेंट ले पाते हैं.

यह हैरानी की बात है कि भारत के अलग-अलग महानगरों में लगभग 15.20% लोग एंग्जाइटी और 15.17% लोग डिप्रेशन के शिकार हैं. इसकी एक बहुत बड़ी वजह है नींद का पूरा न होना. लगभग 50% लोग ऐसे हैं जो अपनी नींद को पूरा नहीं कर पाते. एक स्टडी के मुताबिक नींद पूरी न होने से शरीर में 86% रोग बढ़ जाते हैं, जिनमें डिप्रेशन व एंग्जाइटी सबसे ज्यादा हैं. जो देश इस समय विकसित हैं, उनमें भी लगभग 18% युवा एंग्जाइटी के शिकार हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाएं एंग्जाइटी से अधिक परेशान हो रही हैं.

क्या है एंग्जायटी डिसऑर्डर?

एंग्जायटी एक मेंटल हेल्थ परेशानी है, जिसमें लोग अपने आप को नेगेटिव सोच, बेचैनी, डर और चिंता से घेरने लगते हैं. अचानक हाथ का कांपना, पसीना आना, घबराबट होना, मन में उलझन होना, बिना बात के रोना एंग्जायटी होने के लक्षण हैं. लगातार सही से नींद ना आने पर भी एंग्जायटी की दिक्कत हो सकती है. काफी समय तक इस समस्या में उलझे रहने से आपको हार्ट की भी समस्या हो सकती है.

एंग्जायटी डिसऑर्डर के लक्षण

  • बेचैनी
  • शरीर में तनाव
  • पैनिक अटैक
  • पाचन संबंधी समस्याएं
  • सांस लेने में तकलीफ

एंग्जायटी का इलाज

एंग्जायटी का इलाज दवा, योग करना, ज्यादा से ज्यादा खुश रहना, टेंशन कम लेना, खुद को किसी काम में बिज़ी रखना, अपने बातों को अपने विचारों को शेयर करना, काउंसलिंग करना है. अगर आपके जानने में कोई एंग्जायटी का शिकार है तो आप उससे बातें करें और उसे खुश रखने की कोशिश करें. इस बिमारी को हलके में बिलकुल ना लें.

खाने पर दें विशेष ध्यान

जो लोग एंग्जायटी के शिकार हैं उन्हे अपने खान पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. हरी सब्जियां और हेल्दी फूड को खाना चाहिए. तले भुने भोजन से परहेज़ करना चाहिए. साथ ही बिना मील स्किप किए समय पर भोजन करना चाहिए.

वर्कआउट और योग जरूर करें

एंग्जायटी मरीजों के लिए हर रोज़ वर्कआउट करना और योग करना जरूरी है. इससे आपकी बॉडी में एक अलग एनर्जी आती है जिससे आपकी बॉडी और माईंड दोनो फ्रेश फील करते हैं. वर्कआउट और योग करने से आप अपनी बिमारी से जल्द ही निजात पा सकते हैं.

निष्कर्ष

एंग्जाइटी डिसऑर्डर आज एक आम समस्या बन गई है और इस समस्या का सबसे बेहतर विकल्प रोकथाम है न कि इलाज. एंग्जाइटी डिसऑडर के विषय में सबसे गंभीर बात यह है कि एंग्जाइटी डिसऑर्डर का पता नहीं चल पाता है कि किस स्टेज पर है और कितने समय में गंभीर हो सकता है, इसलिए इसके लक्षणों को लेकर जागरुक रहें और अगर कुछ महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

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