ईरान: पुलिस हिरासत में महिला की मौत को लेकर प्रदर्शन तेज़, सरकारी टीवी ने मृतक संख्या 26 बताई



दुबई/न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन: पिछले हफ्ते ईरान में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय एक युवती की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों और ईरानी सुरक्षाबलों के बीच हुईं झड़पों में अब तक कम से कम 26 व्यक्तियों की मौत हो गई है.

सरकारी टेलीविजन ने बताया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या 26 तक हो सकती है. देश की महिलाएं इस्लामिक ड्रेस कोड के खिलाफ सड़कों पर उतर आई हैं.

ईरान में मौजूदा हिंसा उत्तर-पश्चिमी कुर्द शहर की 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुई, जिसे पिछले हफ्ते राजधानी तेहरान में देश की नैतिकता पुलिस ने सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

वीडियो में दिखता है कि अमीनी ने अपनी गिरफ्तारी के समय एक लंबा काला गाउन (अबाया) और सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया इस्लामिक हिजाब पहना हुआ था.

घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं और ‘स्वतंत्रता’ के नारों के बीच कई महिलाओं द्वारा हिजाब जलाए जाने के वीडियो सामने आए हैं.

कुछ लोग शासन पर इस्लामी धर्मगुरुओं का प्रभाव खत्म किए जाने का आह्वान कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी ‘तानाशाह को मौत’ और ‘मुल्लाओं को जाना होगा’ जैसे नारे लगाते नजर आते हैं. तेहरान और मुशाद शहरों में महिलाओं ने व्यापक प्रदर्शन किया है.

सरकारी टेलीविजन पर एक समाचारवाचक ने बृहस्पतिवार देर रात कहा कि अमीनी के अंतिम संस्कार के बाद पिछले शनिवार (19 सितंबर) को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से 26 प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी मारे गए हैं.

उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़े बाद में जारी किए जाएंगे, लेकिन बीते समय में हुईं घटनाओं में ईरान सरकार ने मरने वालों की संख्या आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की है.

सरकारी और अर्ध-सरकारी मीडिया के बयानों के आधार पर समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के एक आंकड़े के अनुसार हिंसा में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं.

हाल में, काज़्विन के डिप्टी गवर्नर अबोलहसन कबीरी ने कहा था कि उत्तर-पश्चिमी प्रांत के दो शहरों में हुई हिंसा में एक आम नागरिक और अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी की मौत हो गई.

ईरान में जारी अशांति हाल के कई वर्षों में सबसे खराब स्थिति तक पहुंच गई है और अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सामाजिक दमन और देश में बढ़ते संकटों से नाराज प्रदर्शनकारियों का कम से कम एक दर्जन शहरों में सुरक्षा और अर्धसैनिक बलों से सामना जारी है.

ईरान की मोरलिटी पुलिस (Morality Police) ने पिछले हफ्ते 22 वर्षीय महसा अमीनी को यह कहते हुए हिरासत में लिया था कि उन्होंने अपने बालों को हिजाब से ठीक से नहीं ढका था. अमीनी की संदिग्ध परिस्थितियों में तीन दिन बाद मौत हो गई थी.

अधिकांश अशांति ईरान के कुर्द-आबादी वाले उत्तर-पश्चिम में केंद्रित है, लेकिन राजधानी और कम से कम 50 शहरों और कस्बों में फैल गई है. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया है.

अमीनी कुर्दिस्तान प्रांत की रहने वाली थीं. उसकी मौत पर पश्चिमी देशों, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने ईरान की तीखी निंदा की है और घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है.

पुलिस का कहना है कि अमीनी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी और उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था, लेकिन उसके परिवार ने इस बारे में संदेह जताया है.

संयुक्त राष्ट्र से जुड़े स्वतंत्र विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि मोरलिटी पुलिस ने उन्हें बिना सबूत पेश किए बुरी तरह पीटा था. उन्होंने दोषियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है.

ईरान के सरकारी टेलीविजन के एक प्रस्तोता का मानना है कि विरोध-प्रदर्शनों के दौरान मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को 17 तक पहुंच सकती है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने यह आंकड़ा कहां से हासिल किया है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कुर्द क्षेत्रों में मरने वालों की संख्या 15 हो गई है और घायलों की संख्या बढ़कर 733 हो गई है.

ईरानी अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को मार डाला है. उन्होंने कहा कि उन्हें सशस्त्र असंतुष्टों द्वारा गोली मार दी गई होगी.

इंटरनेट पर नजर रखने वाले नेटब्लॉक्स के अनुसार, ईरान ने इंटरनेट तक पहुंच को भी बाधित कर दिया है. विरोध पर सरकार की कार्रवाई की जानकारी अन्य लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर व्यापक रोक जारी रही.

ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों ने इन घटनाओं को बाहरी दुनिया तक पहुंचने से रोकने के लिए यह कदम उठाया है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार अशांति के समय हमेशा इस तरह के कदम उठाती है.

ईरान में प्रदर्शनों की शुरुआत देश की मोरलिटी पुलिस द्वारा सख्ती से लागू किए गए ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार युवती महसा अमीनी की मौत पर एक भावनात्मक आक्रोश की परिणति है.

रॉयटर्स के मुताबिक, अमीनी की मौत ने ईरान में व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिबंध, महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड सहित अन्य प्रतिबंधों और कठिन अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों से जूझ रहे लोगों के गुस्सा को बढ़ा दिया है.

ईरान के शासकों को 2019 के विरोध प्रदर्शनों के फिर से शुरू होने का डर है, जो गैसोलीन की कीमतों में वृद्धि को लेकर भड़के थे, जो इस्लामिक गणराज्य के इतिहास में सबसे खूनी प्रदर्शनों में से एक था. इन प्रदर्शनों में लगभग 1,500 लोग मारे गए थे.

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में पुलिस हिरासत में महिला की मौत के मामले की जांच में निश्चित रूप से ‘तेजी’ लाई जानी चाहिए.

रईसी वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका की यात्रा पर हैं. यूएनजीए में उन्होंने पूछा कि आखिर अमेरिकी पुलिस द्वारा मारे गए लोगों के संदर्भ में क्या कार्रवाई की गई है?

रईसी ने विश्व नेताओं की वार्षिक बैठक से इतर न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘क्या मौत के इन सभी मामलों में जांच हुई? मानवाधिकार के मामले में पश्चिमी देशों का ‘दोहरा मापदंड’ रहा है.’

महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में प्रदर्शनाकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हो रही हैं. ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारी हर जरूरी कदम उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से मामले की जांच की जाएगी. मैंने पीड़िता के परिजनों से सबसे पहले संपर्क किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि हम घटना की जांच में ‘तेजी’ लाएंगे. हमारी सबसे बड़ी चिंता सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.’

रईसी ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को औपचारिक रूप से संबोधित किया और कहा कि हर जगह अधिकारियों के हाथों बुरी चीजें होती हैं.

उन्होंने सवाल किया, ‘अमेरिकी अधिकारियों के हाथों आम अमेरिकी नागरिकों की मौत के मामले में क्या हुआ?’

रईसी ने ब्रिटेन में महिलाओं की मौत का जिक्र किया और कहा कि इन मामलों की कभी जांच नहीं की गई. उन्होंने इस तरह की मौत के मामलों में कार्रवाई को लेकर दुनियाभर में ‘समान मापदंड’ अपनाए जाने का आह्वान किया.

इस बीच अमेरिका ने ईरान में हिरासत के दौरान एक युवती की मौत के बाद वहां की मोरलिटी पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों पर बृहस्पतिवार को पाबंदियां लगा दी हैं.

वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय ने प्रतिबंधों के लिए ईरानी खुफिया और सुरक्षा मंत्रालय, सुरक्षा बलों और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को भी नामजद किया, जिसके बाद उन्हें अमेरिका में अपनी संपत्तियों और बैंक खातों तक पहुंच से वंचित होना पड़ेगा.

वित्त मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘ये अधिकारी उन संगठनों की देखरेख करते हैं, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और ईरानी नागरिक समाज के सदस्यों, राजनीतिक असंतुष्टों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और ईरानी बहाई समुदाय के सदस्यों को दबाने के लिए नियमित रूप से हिंसा करते रहते हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)





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